जन्म कुंडली में पाया क्या होता है?, बच्चे के जन्म पर पाया कैसे देखे?, पाया कितने प्रकार का होता है?, paya kya hota hai janm ke samay, बच्चे का पाया कैसे जाने?
जब कोई बच्चा जन्म लेता है तो ज्योतिष को दिखा के उसका नामाक्षर निकाला जाता है जन्म राशि और नक्षत्र के अनुसार, मूल का विचार किया जाता है और साथ ही उसके पाए का विचार भी किया जाता है |
कुछ बच्चे जन्म लेते है अपने परिवार की दशा सकारात्मक रूप से बदल देते हैं, कुछ बच्चे जन्म से बीमार रहते हैं, कुछ बच्चे अपने लिए और अपने माता पिता के लिए बहुत भाग्यशाली होते हैं, कुछ नाना परिवार के लिए बहुत भाग्यशाली होते हैं, कुछ दादा, दादी के लिए बहुत भाग्यशाली रहते हैं आदि |
Janm Paya Vichar in Jyotish |
तो सबसे पहले जन्मे बच्चे की कुंडली बना के उसके नाम राशि, मूल और पाया को देखा जाता है जिससे अगर कोई विशेष पूजा की जरुरत हो तो उसी समय कर लिया जाए |
वैदिक ज्योतिष के हिसाब से जन्म कुंडली में बारह भाव होते हैं जिन्हें चार भागों में बांटा गया है। प्रत्येक भाग का सम्बन्ध एक पाद या पैर से होता है जिसे की हम 4 प्रकार के धातुओं से जोड़ते हैं और इसी के आधार पर शुभ या अशुभ परिणाम का अनुभव होता है | ये चार धातु हैं चाँदी, सोना, तम्बा और लोहा |
हमने अक्सर सुना है की जब भी बच्चे का जन्म होता है तो बड़े लोग पहला प्रश्न पूछते हैं की "पाया कौन सा है "?|
Read in English about Paya Calculation at the time of Child Birth
आइये अब जानते हैं की पाया का विचार कैसे किया जाता है ?
जन्मे बच्चे का पाया देखने के लिए 2 तरीके हैं -
- पहला है चन्द्रमा के आधार पे और
- दूसरा है जन्म नक्षत्र के आधार पे |
पाया मालूम करने के नियम :
जन्म कुंडली में चंद्रमा जिस भी भाव में मौजूद होगा उसके आधार पे पाया निर्धारित होता है जैसे –
- 1, 6 या 11 भाव में चन्द्रमा हो तो सोने के पाए में जन्म माना जाता है |
- 2,5 या 9 भाव में चन्द्रमा हो तो चांदी के पाए में जन्म माना जाता है |
- 3,7 या 10 भाव में चन्द्रमा हो तो तांबे के पाए में जन्म माना जाता है |
- 4,8,12 भावों में चन्द्रमा हो तो लोहे के पाए में जन्म माना जाता है |
आइये अब जानते हैं की नक्षत्र के अनुसार पाया कैसे देखा जात है ?
Nakshatra anusar son ke Paya Mai janm Kab Maana Jayega ?
- जब रेवती, अश्विनी या भरणी नक्षत्र जन्म हो तो बच्चे का जन्म सोने के पाए में माना जाता है |
- जब कृतिका, रोहिणी या मृगशिरा नक्षत्र में बच्चे का जन्म हो तो जन्म लोहे के पाए में माना जाता है |
- जब आर्द्रा, पुनर्वसु, पुष्य, आश्लेषा, मघा, पूर्वाफाल्गुनी, उत्तराफाल्गुनी, हस्त, चित्रा, स्वाति, विशाखा और अनुराधा नक्षत्र में बच्चे का जन्म हो तो रजत पाया में जन्म माना जाता है |
- जब ज्येष्ठा, मूल, पूर्वाषाढ़ा, उत्तराषाढ़ा, श्रवण, धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद या उत्तराभाद्रपद में बच्चे का जन्म हो तो ताम्बे के पाए में जन्म माना जाता है |
अब आइये जानते हैं की कौन से पाए का क्या फल माना जाता है :
यहाँ पे ये भी जान लेना उचित है की पाए का फल जन्म कुंडली में मौजूद ग्रहों की स्थिति के अनुसार कम ज्यादा होता है अतः एकदम किसी निर्णय पे नहीं पंहुचना है |
- चांदी का पाया : सर्वश्रेष्ठ माना जाता है |
- तांबे का पाया : शुभ माना जाता है |
- सोने का पाया : सामान्य माना जाता है |
- लोहे का पाया : संघर्ष देता है |
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पाए का विचार चन्द्रमा से करें या नक्षत्र से ?
अलग अलग परंपरा में अलग अलग विचार करते हैं जैसे कुछ लोग चन्द्र से ही पाए का विचार करते हैं और कुछ लोग नक्षत्र को ही सही मानते हैं |
आइये अब विस्तार से जानते हैं जन्म के समय पाए का फल :
चांदी के पाए का फल :
Chandi ka Paya जिसे रजत पायात भी कहा जाता है सभी के लिए शुभ माना जाता है | ऐसे लोग भाग्यशाली होते हैं, संघर्ष करते हुए आगे बढ़ते हैं परन्तु सफलता भी हासिल करते जाते हैं | ऐसे लोग भावुक भी बहुत होते हैं | ऐसे लोग जीवन में हर गलती से कुछ न कुछ सीखते हुए आगे बढ़ते जाते हैं | अगर कुंडली में चंद्रमा शुभ और शक्तिशाली है तो जातक को बहुत लाभ होता है, जातक का भाग्योदय पानी के पास होता है, यात्राओं से फायदा होता है, जातक का नाम भी देश विदेश में होता है | ऐसे लोगो की इच्छाएं भी पूरी होती है रहती है जिससे जीवन में खुशाली रहती है | जातक अपने माता पिता को सुख देता है और समाज में मान-प्रतिष्ठा पाता है |
उपाय : जीवन में शुभता को बढाने के लिए आपको अपने घर में तीर्थ का जल रखना चाहिए और शिव आराधना करना चाहिए |
सोने के पाए का फल :
सोने के पाए का फल बालक और बालिका के लिए अलग अलग फल देता है | अगर बालिका ने सोने के पाए में जन्म लिया है तो उत्तम माना जाता है जबकी अगर बालक ने स्वर्ण के पाए में जन्म लिया है तो संघर्ष पैदा करता है |
सोने के पाए में जन्म लेने वाला जातक जीवन में काफी संघर्षो से गुजरता है जैसे माता पिता अनुशाशन में रखते हैं, बड़े होने पर उसे करियर के लिए काफी संघर्ष करना पड़ता है, समाज में नाम और प्रतिष्ठा के लिए उसे बहुत ज्यादा मेहनत करना पड़ता है फिर भी ऐच्छिक सफलता नहीं मिल पाती है | परिवार से मनमुटाव बना रह सकता है | ऐसे लोग आसानी से गलत सांगत में भी फंस सकते हैं अतः ध्यान रखना चाहिए |
परन्तु ऐसे जातक कभी भी हार नहीं मानते हैं और अपनी मेहनत करते रहते हैं जिससे अलग ही छवि समाज में बना लेते हैं |
उपाय : अगर आपका जन्म सोने के पाए में हुआ है और आप जीवन में बहुत ज्यादा संघर्ष कर रहे हैं तो ऐसे में आपको रविवार को लाल गाय को गुड और रोटी खिलाना चाहिए और सूर्य देव को रोज अर्ध्य देना चाहिए |
तांबे के पाए का फल :
अगर किसी का जन्म ताम्बे के पाए में हुआ है तो ऐसे जातक अनुशाशन प्रीय, बुद्धिमान, व्यावहारिक होते हैं | धन की कमी नहीं रहती है, ऐसे लोग अपने सदव्यवहार से दूसरो का विशवास जीतते जाते हैं | ऐसे जोग जिम्मेदारी उठाने में भी बहुत अच्छे होते हैं | दयालु होते हैं, सहानुभूति से पूर्ण होते हैं | ऐसे लोग समाज में बहुत नाम कमाते हैं पर पारिवारिक और व्यक्गिगत जीवन में इनके संघर्ष बना रहता है |
उपाय : हनुमानजी की पूजा नियमित रूप से करें, ज्यादा मसाला और तैलीय चीजे न खाएं | छोटे भाई- बहनों को उपहार देते रहें |
लोहे के पाए का फल :
अगर किसी का जन्म लोहे के पाए में हुआ है तो जीवन में संघर्ष बहुत रहता है, जातक अपनी मेहनत से ही आगे बढ़ता है | जन्म कुंडली में अगर शनि ख़राब हो या कमजोर हो तो जातक को कदम कदम पे परेशानियाँ आती है, रोग से ग्रस्त रह सकते हैं | जातक में आलस्यता के गुण भी देखने को मिलते हैं | वैवाहिक जीवन में भी असंतोष देखने को मिलता है |
ऐसे लोगो को गलत संगती से दूर रहना चाहिए अन्यथा जीवन बर्बाद हो जाता है |
ऐसे जातको में मेहनत करने की शक्ति बहुत होती है तो अगर ऐसे लोग इमानदारी से अपने काम के प्रति समर्पित हो जाए तो कोई शक नहीं की ये अपने जीवन में मेहनत के बल पे बड़ी सफलता हासिल करते हैं |
उपाय : जीवन में सफलता के लिए शनि के वस्तुओ का दान करें और अपने कुलदेवी के साथ पितरो की आराधना जरुर करें रोज, किसी भी प्रकार के नशे से दूर रहें |
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