Panchang mai diey gaye 27 Yogo ki jaankari, जानिए शुभ और अशुभ योगो के बारे में जो की पंचांग में दिए गए हैं |
किसी भी पंचांग में 5 मूल जानकारियां होती हैं जो की हैं तिथि, वार, नक्षत्र, योग और करण। इनमें से योग का उपयोग अधिकांशत: मुहूर्त में होता है।शुभ योगो में किये गए कार्य शुभ फल प्रदान करते है तो वहीँ अशुभ योगों में किये गए कार्य संघर्षो को जन्म देते हैं | हमारे जन्म के समय भी जिस योग में हुआ होता है उसके आधार पर जीवन में असर दिखता है |
Jyotish Mai 27 Yog Aur Unka Fal in hindi |
Read in English about 27 Yogas and There Impacts On People
योग बने कैसे हैं :
सूर्य और चन्द्रमा की दूरियों के आधार पर योगो का निर्माण हुआ है और ये योग 27 प्रकार हैं वैदिक ज्योतिष के अनुसार | हर योग का अपना अलग ही प्रभाव होता है जिसे हम इस लेख में जानेंगे |
शुभ मुहूर्त या योग को लेकर मुहूर्त मार्तण्ड, मुहूर्त गणपति, मुहूर्त चिंतामणि, मुहूर्त पारिजात, धर्म सिंधु, निर्णय सिंधु आदि शास्त्र हैं और इनमे विस्तार से योगो के प्रभाव को बताया गया है |
सूर्य से चन्द्रमा का भ्रमण 360 डिग्री में से 13 डिग्री और 20 कला या मिनट से विभाजित करने पर योग होता है.
27 योगों में से अशुभ योग कितने होते हैं ?
पंचांग में दिए गए 27 योगों में से सिर्फ 9 योगों को अशुभ माना जाता है और इसी कारण इन योगों में महत्त्वपूर्ण कार्यो को करने से मना किया जाता है | ये 9 अशुभ योग हैं- विष्कुम्भ, अतिगण्ड, शूल, गण्ड, व्याघात, वज्र, व्यतिपात, परिध और वैधृति।
तो जब भी कोई विशेष कार्य करना हो जैसे खरीदारी, कोई नए कार्य की शुरुआत, यात्रा की शुरुआत तो इन योगो से नहीं करना चाहिए |
27 प्रकार योगो के नाम इस प्रकार हैं :
वविष्कुम्भ (viswakumbha) | प्रीति (Priti) | आयुष्मान (Ayushsman) |
ससौभाग्य (Soubhagya) | शोभन (Shobhan) | अतिगण्ड (Atigad) |
सुकर्मा (Sukarma) | घृति (Ghruti) | शूल (Shula) |
गंड (Ganda) | वृद्धि (Vridhi) | ध्रुव (Dhrub) |
व्याघात (Vyaghat) | हर्षण (Harshan) | वज्र (Vajra) |
सिद्धि (Sidhhi) | व्व्यतीपात (Vyatipat) | वरीयान (Variyan) |
परिध (paridh) | शशिव (Shiv) | ससिद्ध (Sidhh) |
साध्य (Sadhya) | शुभ (Shuv) | शुक्ल (Shukla) |
ब्ब्रह्म (Brahma) | इन्द्र (Indra) | वैधृति (Vaidhruti) |
आइये अब विस्तार से जानते हैं 27 योगो के प्रभाव को :
- पंचांग में दिए गए विशकुंभ योग का प्रभाव : जैसा की इसके नाम में ही विष है अतः इसे अशुभ योग माना जाता है और इसी प्रकार इस योग में में किये गए कार्यो में अड़चने बहुत आ सकती है और परिणाम भी सही नहीं मिलते हैं | विष्कुम्भ योग में जिसका जन्म होता है वो परिवार का प्रिय होता है, परिश्रमी होता है, ससुराल से भी लगाव होता है, आकर्षक व्यक्तित्व होता है| विष्कुम्भ योग में जन्मे व्यक्ति प्रायः सभी प्रकार के सुखों को प्राप्त करने वाले होतें है|
- पंचांग में दिए गए प्रीति योग का प्रभाव: प्रीति योग में जन्मा जातक दयालु होता है, धनवान होता है, दुसरो की सेवा करना पसंद करता है, सुन्दरता का प्रेमी होता है और विलासी होता है | ऐसे लोग जीवन में कुछ विशेष काम कर जाते हैं |
- पंचांग में दिए गए आयुष्मान योग का प्रभाव: आयुष्यमान योग में जन्मे जातक यशस्वी और विद्वान् होते हैं | ये लोग ऊर्जा से भरपूर रहते हैं, स्वस्थ और लम्बी आयु के यह धनि होते है|
- पंचांग में दिए गए सौभाग्य योग का प्रभाव : इस योग में जन्मे जातक भाग्यशाली होते है, उन्नति करने वाले होते हैं, शौक़ीन होते हैं और लोगो में घुलने मिलने में माहिर होते हैं |
- पंचांग में दिए गए शोभन योग का प्रभाव : शोभन योग में जन्मे जातक में विपरीत लिंग को आकर्षित करने की अद्भुत शक्ति होती है, ऐसे लोग चतुर होते हैं, गुणवान होते हैं, विलासी होते हैं | ऐसे लोग अपने कार्य के लिए बहुत समर्पित होते हैं | ऐसे लोग अगर अपनी काम वासना को नियंत्रित कर ले तो निश्चित रूप से जीवन में बहुत तरक्की करते हैं |
- पंचांग में दिए गए अतिगण्ड योग का प्रभाव : अतिगण्ड योग में जन्मे जातक साहसी होते हैं, धर्म के कार्यो को करना पसंद करते हैं पर विलासी भी होते हैं | इन्हें तामसिक भोजन बहुत पसंद होता है | अगर गलत सांगत से बच जाए तो जीवन में बहुत तरक्की करते हैं |
- पंचांग में दिए गए सुकुर्मा योग का प्रभाव: सुकुर्मा योग पर जन्मे जातक धनवान होते हैं, सामाजिक होते हैं, अनुशाषित जीवन जीना पसंद करते हैं, ये जिस भी कार्य में हो उसे कुशलता से करते हैं और सफल होते हैं |
- पंचांग में दिए गए धृति योग का प्रभाव: धृति योग में जन्मे जातक धैर्यवान होते हैं, शांति से जीवन जीना चाहते हैं पर पूर्ण भौतिक सुखो को भोगना चाहते हैं | नई चीजे ढूंढना और करना इन्हें पसंद होता है | गैजेट्स के शौक़ीन होते हैं | काम वासना भी इन्हें परेशां करती है जिसके कारण कभी कभी गलत कार्यो में भी फंस जाते हैं |
- पंचांग में दिए गए शूल योग का प्रभाव: शूल योग में जन्मे जातक के जीवन में कुछ न कुछ परेशानी बनी रहती है | प्रेम जीवन हो या काम काजी जीवन किसी न किसी परेशानी से गुजरते हैं | किसी न किसी प्रकार की स्वास्थ्य परेशानी भी परेशां करती हैं | ऐसे लोग जीवन में कई बार छले जाते हैं | एक वाक्य में कहा जाए तो ऐसे लोग ठोकर खाकर ही ठाकुर बनते हैं |
- पंचांग में दिए गए गंड योग का प्रभाव: गंड योग में जन्म लेने वाले जातक के जीवन में धनवान होता है, बलवान होता है पर अपने सिद्धांतो के कारण परेशानी उठाता है | इए लोग हटी होते हैं, क्रोधी होते हैं |
- पंचांग में दिए गए वृद्धि योग का प्रभाव: वृद्धि योग में जन्मे जातक जीवन में हमेशा आगे बढ़ने की सोचते हैं | ऐसे लोग अपना काम निकालने में माहिर होते हैं और यही गुण इन्हें अच्छा व्यापारी बनाती है, धन कमाना और बचत करना इन्हें खूब आता है | अगर जन्म कुंडली में कोई घात हो तो वो इस योग के कारण ख़त्म हो जाता है |
- पंचांग में दिए गए ध्रुव योग का प्रभाव: ध्रुव योग में जन्मे जातक पारक्रामी होते हैं, दीर्घायु होते हैं, नियम के पक्के होते हैं, धनवान होते है | ऐसे लोग जीवन में संघर्षो के बावजूद प्रयत्न करना नहीं छोड़ते हैं |
- पंचांग में दिए गए व्याघात योग का प्रभाव: व्याघात योग में जन्मे जातक जीवन में जातक अपने ही गलत व्यवहार के कारण परेशान रहता है और संघर्षो से गुजरता है | लोग इन्हें झगडालू, स्वार्थी या घमंडी की संज्ञा देते हैं |
- पंचांग में दिए गए हर्षण योग का प्रभाव: हर्षण योग में जन्मे जातक जीवन में भूमि लाभ करते हैं, हर प्रकार का सुख इनके पास होता है,ऐसे लोग बहुमुखी प्रतिभा के धनि होते हैं और इनके सम्बन्ध भी समाज के बलशाली लोगो के साथ होते हैं |
- पंचांग में दिए गए वज्र योग का प्रभाव: वज्र योग में जन्मे जातक काफी शक्तिशाली माने जाते हैं और इसीलिए ऐसे लोग अगर फ़ौज में या फिर सुरक्षा के क्षेत्र में काम करे तो बहुत सफल होते हैं | इन्हें दबाना आसान नहीं होता है | ऐसे लोग सत्य और कठोर वाणी का प्रयोग करने वाले होते हैं |
- पंचांग में दिए गए सिद्धि योग का प्रभाव: सिद्धि योग में जन्मे जातक विद्वान्, शात्रों को जानने वाला, आशावादी होते हैं | ये लोग अनेक कार्यो में दक्ष होते हैं और दूसरो की सहायता के लिए भी हमेशा तैयार रहते हैं | ये लोग अंतर्मुखी भी होते हैं और अपने में मस्ते रहना पसंद करते हैं |
- पंचांग में दिए गए व्यतिपात योग का प्रभाव: व्यतिपात योग में जन्मे जातक अश्थिर चित्त के होते हैं, अनेक प्रकार की शारीरिक और मानसिक परेशानियों से गुजरते हैं जीवन में | अपनी मेहनत से जीवन में सुखो को भोगते हैं | माता पिता की सेवा करते हैं |
- पंचांग में दिए गए वरीयाना योग का प्रभाव: वरीयाना योग में जन्मे जातक कला जगत के साथ जुड़ना पसंद करते हैं | थोड़े आलसी भी होते हैं | परन्तु अगर किसी काम को करने की ठान ले तो कोई इन्हें रोक नहीं सकता है |
- पंचांग में दिए गए परिघ योग का प्रभाव: परिघ योग में जन्मे जातक विद्वान् होते हैं पर जीवनमे संघर्ष बहुत होता है | चिड़चिड़ा स्वभाव के कारण यह जीवन में दुखी रहते है| गलत सांगत से बच जाएँ तो जीवन में बहुत उन्नति करते हैं |
- पंचांग में दिए गए शिव योग का प्रभाव: शिव योग में जन्मा जातक धर्मात्मा, तीर्थ यात्रा का शौक़ीन, संयमित व्यवहार करने वाला भाग्यशाली होता है| समाज में इन्हें मान-सम्मान की प्राप्ति होती है |
- पंचांग में दिए गए सिद्ध योग का प्रभाव: सिद्ध योग में जन्मे जातक विद्वान् और धनवान होते हैं | अपने कार्य को करने में कुशल होते हैं, सफल व्यापारी होते हैं, राजपद प्राप्त करते हैं, राजनीती में सफल होते हैं |
- पंचांग में दिए गए साध्य योग का प्रभाव: साध्य योग में जन्मे जातक उच्च शिक्षा प्राप्त करता है, बहुमुखी प्रतिभा का धनि होता है, आय के अनेक स्त्रोत होते हैं|
- पंचांग में दिए गए शुभ योग का प्रभाव: शुभ योग में जन्मे जातक विनम्र स्वाभाव के होते हैं, दीर्घायु होते हैं, धनवान होते हैं, अपने बल पर जीवन में काफी उन्नति करते हैं |
- पंचांग में दिए गए शुक्ल योग का प्रभाव: शुक्ल योग में जन्मे जातक को परिवार का प्रेम प्राप्त होता है, अनेक कार्यो को करने में कुशल होते हैं, लोग्क्प्रिय होते हैं | अगर जीवन में उत्तेजित और जल्दबाजी न करें तो बहुत सफल होते हैं |
- पंचांग में दिए गए ब्रम्ह योग का प्रभाव: ब्रम्ह योग में जन्मे जातक जीवन के प्रति हमेशा महत्वाकांक्षी होते है. विपरीत परिस्थियों में इनका आत्मविश्वास बना रहता है. यह हमेशा विवेकशील होते है. इनको अनुशाशन प्रिय होता है |सकारात्मक सोच के साथ जीवन में आगे बढ़ते रहते हैं |
- पंचांग में दिए गए इंद्र योग का प्रभाव: इंद्र योग में जन्मे जातक शक्ति और सम्मान की अभिलाषा रखते हैं, राजनीति में सफल होते हैं, संवेदनशील स्वभाव के होते है, धनवान होते हैं और शौक़ीन होते हैं | गलत संगत से बच जाए तो जीवन में बहुत तरक्की करते हैं |
- पंचांग में दिए गए वैधृति योग का प्रभाव: वैधृति योग में जन्मे जातक तकत्वार होते हैं और अपना काम निकालने में माहिर होते हैं | इनमे स्वार्थ भी दुसरो से ज्यादा होता है | ऐसे लोग अगर चुगली करने से बचें तो जीवन में शांति बनती रहती है |
तो इस प्रकार ये 27 योग हैं और बच्चे का जन्म के बाद जब जन्म पत्रिका बनाई जाती है तो उसमे ये बताया जाता है की कौन से योग में बच्चे का जन्म हुआ है |
पढ़िए कौन से राशि का कौन से तत्त्व से सम्बन्ध है ?
Panchang mai diey gaye 27 Yogo ki jaankari, जानिए शुभ और अशुभ योगो के बारे में जो की पंचांग में दिए गए हैं |
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