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Surya Ka Makar Rashi Me Pravesh Ke Prabhav

Surya Ka Makar Rashi Me Pravesh Ke Prabhav, सूर्य के मकर राशी में प्रवेश के प्रभाव, क्या होगा बाजार पर असर सूर्य के मकर राशि में प्रवेश का. सूर्य 14 जनवरी 2025 को सुबह लगभग 8:40 बजे मकर राशि में प्रवेश करेंगे और अगले 1 महीने तक रहेगा। मकर राशि में सूर्य अशुभ होते है इसलिए 12 राशियों के जीवन में और मौसम और वातावरण में भी बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे | ज्योतिष प्रेमी ये जरुर जानना चाहेंगे की सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने से जीवन में क्या बदलाव आ सकता है, देश पर क्या प्रभाव पड़ सकता है आदि.   makar sankranti and jyotish वैदिक ज्योतिष के हिसाब से सूर्य मकर राशी में शत्रु का होता है अतः ऐसे में विद्वान् लोग सावधानी बरतते हैं जिससे ख़राब सूर्य का प्रभाव कम हो सके. इसी लिए मकर संक्रांति का बहुत महत्त्व है इस बारे में और अधिक जानने के लिए पढ़िए “क्या करे मकर संक्रांति में सफलता के लिए”. सूर्य प्रतिक है प्रशासन, प्रबंधन, ज्ञान, नाम, शोहरत, पिता आदि अतः इन सब पर प्रभाव पड़ेगा जिसका असर देश और दुनिया में दिखाई देगा.  Watch Video Here निम्न बदलाव दिखलाई दे सकते हैं मकर रा...

Parvati Vallabh Ashtkam Ke Fayde aur Lyrics

Parvati Vallabh Ashtkam Ke Fayde aur Lyrics, जानिए क्या फायदे हैं श्री पार्वती वल्लभ अष्टकम के  पाठ से |

श्री पार्वती वल्लभ अष्टकम के नियमित पाठ से भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती की असीम कृपा की प्राप्ति होती है जिससे पाठकर्ता को धन, धान्य, ऐश्वर्य, निरोगता की प्राप्ति होती है | 

इसके पाठ से चित्त शांत होता है और साधक की अध्यात्मिक उन्नति होती है | 

Parvati Vallabh Ashtkam Ke Fayde aur Lyrics, जानिए क्या फायदे हैं श्री पार्वती वल्लभ अष्टकम के  पाठ से, meaning in hindi, हिंदी में अर्थ
Parvati Vallabh Ashtkam Ke Fayde aur Lyrics

पढ़िए मृत्युंजय संजीवनी मंत्र के फायदे 

पार्वती वल्लभ अष्टकम् (Parvati Vallabha Ashtakam) के पाठ के फायदे : 

पार्वती वल्लभा अष्टकम् में माता पार्वती और उनके भगवान शिव को नमन किया गया है। यह भगवान शिव की विभिन्न विशेषताओं का वर्णन करता है| 

ये पूरा विश्व शिव की ही क्रीड़ा स्थली है और वेद भी उनके गुणगान करते थकते नहीं है | जो विष को भी पचा सकते हैं और भूत, प्रेत आदि गणों के भी स्वामी है ऐसे भगवान् शिव की कृपा से क्या नहीं हो सकता है | 

  1. नियमित रूप से पार्वती वल्लभा अष्टकम् का पाठ करने से मनुष्य के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं।
  2. Parwati vallabh ashtkam के नियमति पाठ से घर में सुख, समृद्धि का वास होता है |
  3. जो लोग अध्यात्मिक उन्नति चाहते हैं उनके लिए ये बहुत ही उपयोगी है |
  4. भगवन शिव और माता पार्वती की कृपा से जाता में रचनात्मकता बढ़ने लग जाती है और वो नाम और यश को प्राप्त होता है |
  5. जीवन में से दुर्भाग्य दूर होता है और सौभाग्य आने लगता है |
  6. किसी भी प्रकार की नकारात्मक शक्ति हो वो छोड़ के चला जाता है |

Lyrics of Parwati Vallabh Ashtkam:

नमो भूतनाथं नमो देवदेवं

नमः कालकालं नमो दिव्यतेजम् । 

नमः कामभस्मं नमश्शान्तशीलं

भजे पार्वतीवल्लभं नीलकण्ठम् ॥ १॥


सदा तीर्थसिद्धं सदा भक्तरक्षं

सदा शैवपूज्यं सदा शुभ्रभस्मम् ।

सदा ध्यानयुक्तं सदा ज्ञानतल्पं

भजे पार्वतीवल्लभं नीलकण्ठम् ॥ २॥


श्मशानं शयानं महास्थानवासं

शरीरं गजानं सदा चर्मवेष्टम् ।

पिशाचं निशोचं पशूनां प्रतिष्ठं 

भजे पार्वतीवल्लभं नीलकण्ठम् ॥ ३॥


फणीनागकण्ठे भुजङ्गाद्यनेकं 

गले रुण्डमालं महावीर शूरम् ।

कटिव्याघ्रचर्मं चिताभस्मलेपं

भजे पार्वतीवल्लभं नीलकण्ठम् ॥ ४॥


शिरश्शुद्धगङ्गा शिवावामभागं

बृहद्दीर्घकेशं सदा मां त्रिनेत्रम् ।

फणीनागकर्णं सदा भालचन्द्रं 

भजे पार्वतीवल्लभं नीलकण्ठम् ॥ ५॥


करे शूलधारं महाकष्टनाशं

सुरेशं परेशं महेशं जनेशम् । 

धनेशस्तुतेशं ध्वजेशं गिरीशं 

भजे पार्वतीवल्लभं नीलकण्ठम् ॥ ६॥


उदासं सुदासं सुकैलासवासं 

धरा निर्धरं संस्थितं ह्यादिदेवम् । 

अजं हेमकल्पद्रुमं कल्पसेव्यं

भजे पार्वतीवल्लभं नीलकण्ठम् ॥ ७॥


मुनीनां वरेण्यं गुणं रूपवर्णं

द्विजानं पठन्तं शिवं वेदशास्त्रम् । 

अहो दीनवत्सं कृपालुं शिवं तं 

भजे पार्वतीवल्लभं नीलकण्ठम् ॥ ८॥


सदा भावनाथं सदा सेव्यमानं

सदा भक्तिदेवं सदा पूज्यमानम् ।

मया तीर्थवासं सदा सेव्यमेकं 

भजे पार्वतीवल्लभं नीलकण्ठम् ॥ ९॥


। इति पार्वतीवल्लभनीलकण्ठाष्टकं सम्पूर्णम् ।


पार्वती वल्लभा अष्टकम् का हिंदी अर्थ (Hindi meaning of Parvati Vallabha Ashtakam):

  • सभी प्राणियों के स्वामी भगवान शिव को नमस्कार है, देवों के देव महादेव को नमन नमस्कार है, कालों के काल महाकाल को नमस्कार है, दिव्य तेज को नमस्कार है, कामदेव को भस्म करने वाले को नमस्कार है, शांत शील स्वरूप शिव को नमस्कार है, पार्वती के वल्लभ अर्थात प्रिय, नीलकंठ को नमस्कार है।
  • सदैव तीर्थों में सिद्धि प्रदान करने वाले, सदैव भक्तों की रक्षा करने वाले, सदैव शिव भक्तों द्वारा पूज्य, सदैव श्वेत भस्मों से लिपटे हुए, सदैव ध्यान युक्त रहने वाले, सदैव ज्ञान सैय्या पर शयन करने वाले नीलकंठ पार्वती वल्लभ को नमस्कार है।
  • श्मशान में शयन करने वाले, महास्थान अर्थात कैलाश में राज करने वाले, शरीर में सदैव गज चर्म धारण करने वाले, पिशाच, भूत प्रेत, पशुओं, आदि के स्वामी नीलकंठ पार्वती-वल्लभ को मैं नमस्कार करता हूं।
  • कंठ में अनेकों विषधर नाग धारण करने वाले, गले में मुंड माला धारण करने वाले, महावीर पराक्रमी कटि प्रदेश में व्याघ्र चर्म धारण करने वाले, शरीर में चिता भस्म लगाने वाले, नीलकंठ पार्वती-वल्लभ को मैं नमस्कार करता हूं।
  • जिनके मस्तक पर गंगा है तथा वामभाग पर शिवा अर्थात पार्वती विराजती हैं, जिनके केश बड़ी बड़ी जटाएं हैं, जिनके तीन नेत्र हैं, कानों को विषधर नाग सुशोभित करते हैं, मस्तक पर सदैव चंद्रमा विराजमान है, ऐसे नीलकंठ पार्वती-वल्लभ को मैं नमस्कार करता हूं।
  • हाथों में त्रिशूल धारण करने वाले, भक्तों के कष्टों को हरण करने वाले, देवताओं में श्रेष्ठ, वर प्रदान करने वाले, महेश, मनुष्यों के स्वामी, धन के स्वामी, ध्वजाओं के स्वामी, पर्वतों के स्वामी, नीलकंठ पार्वती-वल्लभ को मैं नमस्कार करता हूं।
  • अपने भक्तों के जो दास हैं, कैलाश में वास करते हैं, जिनके कारण यह ब्रह्मांड स्थित है, आदिदेव हैं जो स्वयंभू दिव्य, सहस्त्र वर्षों तक पूज्य, नीलकंठ पार्वती-वल्लभ को मैं नमस्कार करता हूं।
  • मुनियों के लिए जो वरेण्य हैं, जिनके रूपों, गुणों वर्णों आदि की स्तुति द्विजों द्वारा की जाती है, तथा वेदों में कहे गए हैं दीनदयाल कृपालु, महेश, नीलकंठ, पार्वती-वल्लभ को मैं नमस्कार करता हूं।
  • सभी प्राणियों के स्वामी, सदैव सेवनीय, पूज्य, मेरे द्वारा सभी देवताओं में पूज्य, नीलकंठ पार्वती-वल्लभ को मैं नमस्कार करता हूं।

Parvati Vallabh Ashtkam Ke Fayde aur Lyrics, जानिए क्या फायदे हैं श्री पार्वती वल्लभ अष्टकम केपाठ से |

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