सर्वरोगशमनार्थ स्तोत्रम् के फायदे क्या हैं, lyrics of sarvrogshamnarth strotram, rogmukti mantra.
समस्त रोगों से मुक्ति हेतु एक अद्भुत स्तोत्र जो की श्री वासुदेव नंद सरस्वती द्वारा रचित है | इस स्त्रोत में गुरु दत्तात्रेय से सुरक्षा के लिए प्रार्थना की गई है | भगवान् दत्त सर्वशक्तिमान हैं, सर्वज्ञ हैं, सर्वत्र हैं |
जो भी इस शक्तिशाली "सर्वरोगशमनार्थ स्तोत्रम्" का पाठ रोज करता है वो भूत और पिशाच जैसी नकारात्मक शक्तियों से बचा रहता है |
Sarvarog Shamnarth Strotram Ke Fayde aur Lyrics |
इसके पाठ से दुःख, पाप और कष्ट नष्ट हो जाते हैं |
पाठकर्ता हर प्रकार के भय, पीड़ा और दु:स्वप्न से मुक्त हो जाता है |
इसका पाठ जिस स्थान में होता है वहां से हर प्रकार के रोग और महामारी का नाश हो जाता है |
नियमित रुप से इसका पाठ करने वाला हर प्रकार के सुख को प्राप्त करता है और अंत में मुक्ति प्राप्त करता है |
Lyrics of सर्वरोगशमनार्थ स्तोत्रम् in Sankrit:
भूतप्रेतपिशाचाद्या यस्य स्मरणमात्रतः ||
दूरादेव पलायन्ते दत्तात्रेयं नमामि तं || १ ||
यन्नामस्मरणाद्-दैन्यं पापं तापश्च नश्यति ||
भीतिग्रहार्तिदु:स्वप्नं दत्तात्रेयं नमामि तम् || २ ||
दद्रुस्फोटककुष्ठादि महामारी विषूचिका ||
नश्यन्ति अन्येSपि रोगाश्च दत्तात्रेयं नमामि तम् || ३ ||
संगजा देशकालोत्था अपि सांक्रमिका गदा: ||
शाम्यन्ति यत्स्मरणतो दत्तात्रेयं नमामि तम् || ४ ||
सर्पवृश्चिकदष्टानां विषार्तानां शरीरिणाम् ||
यन्नाम शान्तिदं शीघ्रं दत्तात्रेयं नमामि तम्|| ५ ||
त्रिविधोत्पातशमनं विविधारिष्टनाशनम् ||
यन्नाम क्रूरभीतिघ्नं दत्तात्रेयं नमामि तम् || ६ ||
वैर्यादिकृतमन्त्रादिप्रयोगा यस्य कीर्तनात ||
नश्यन्ति देवबाधाश्च दत्तात्रेयं नमामि तम् || ७ ||
यच्छिष्यस्मरणात्सद्यो गतनष्टादि लभ्यते ||
य ईश: सर्वतस्त्रांता दत्तात्रेयं नमामि तम् || ८ ||
जयलाभयशःकामदातुर्दत्तस्य यः स्तवम् ||
भोगमोक्षप्रदस्येमं पठेद्-दत्तप्रियो भवेत्|| ९ ||
|| इति श्रीवासुदेवानन्दसरस्वतीविरचितं दत्तस्तवस्तोत्रं संपूर्णम् ||
भगवन दत्तात्रेय के सामने धुप, दीप लगा के पूर्ण समर्पण और भक्ति से इस सर्वरोगशमनार्थ स्तोत्रम् का पाठ करना चाहिए | इससे भक्त हर प्रकार के रोग, भय, परेशानी से मुक्त हो जाता है और सुखी जीवन जीता है |
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