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Kab Kare Ganesh Sthapna

कब करे गणेश स्थापना?, जानिए महूरत बाप्पा को स्थापित करने का, कैसे लाभ ले अच्छे महूरत का, 2024 गणेश स्थापना महुरत. Ganesh Sthapna Mahurat 2024: गणेश उत्सव शुरू हो रहा है और ऐसे में सभी लोग विघ्नहर्ता को मनाने में लगे रहेंगे क्यूंकि वो दुर्भाग्य नाशक है, परेशानियों को दूर करने वाले हैं. इन्हें प्रथम पूज्य कहा गया है देवताओं में इसीलिए गणेशजी का विशेष स्थान है सभी के ह्रदय में. हर साल भाद्रपद के महीने में चतुर्थी को एक विशेष दिन होता है जब से गणेश उत्सव प्रारम्भ होता है, पूरे भारत में लोग बड़े हर्ष और उल्लास के साथ इस उत्सव को मनाते हैं. करीब १० दिन ये उत्सव चलता है. Kab Kare Ganesh Sthapna अगर गणेश पूजन शिव और पार्वती जी के साथ की जाए तो और भी अच्छा होता है. ऐसी मान्यता है की चतुर्थी को बाप्पा का जन्म होता था इसीलिए उनके जन्म के उपलक्ष में गणेश उत्सव मनाया जाता है. आइये अब जानते हैं गणेश स्थापना के महुरत 2024: चतुर्थी तिथि 6 सितम्बर को दिन में लगभग 3:02 पे शुरू होगी और 7 सितम्बर को शाम में लगभग 5:38 तक रहेगी रहेगी तो इस वर्ष का सबसे अच्छा महुरत की बात करें तो दिन म

Graho Ki Drishti Ka Prabhav Jyotish Mai

ग्रहों की कितनी दृष्टि होती है?, कुंडली में graho ki दृष्टि कैसे देखें?, ग्रहों की दृष्टि चार्ट, graho ki drishti ka fal. 

जब भी कुंडली का अध्ययन किया जाता है तो उसमे ग्रहों की दृष्टि का भी अध्ययन किया जाता है, इसी से पता चलता है की ग्रह किस किस भाव का फल कब देंगे और कितना देंगे | 

Graho ki drishti का अर्थ है ग्रह जिस भाव में बैठे हैं वहां से वो किस किस भाव को देख सकता है और उन पर क्या प्रभाव डाल सकता है |

भविष्यवाणी करते समय हमे ग्रहों की दृष्टि सम्बन्धी बहुत सी बातो का ध्यान रखना होता है जैसे -

  • ग्रह कहाँ बैठे हैं और वहां से किस किस भाव के साथ सम्बन्ध बना रहे हैं |
  • ग्रहों की दृष्टि किस किस भाव पर पड़ रही है |
  • गोचर कुंडली में ग्रह की स्थिति कैसी है | Graho Ki Drishti Ka Prabhav Jyotish Mai

ग्रहों की कितनी दृष्टि होती है?, कुंडली में दृष्टि कैसे देखें?, ग्रहों की दृष्टि चार्ट, graho ki drishti ka fal.
Graho Ki Drishti Ka Prabhav Jyotish Mai


अनुक्रमणिका:

आइये जानते हैं ग्रहों के दृष्टि सम्बन्धी कुछ विशेष बातें -

  1. वैदिक ज्योतिष के अनुसार हर ग्रह के पास 1 विशेष शक्ति है की वो पूर्ण दृष्टि से सातवें घर को देख सकता है अर्थात 7वें घर पर पूरा प्रभाव डाल सकता है शुभ या अशुभ |
  2. तकनिकी रूप से देखें तो जन्म कुंडली के सभी ग्रह जिस भाव में बैठते हैं उस भाव से 180 अंश पर पूर्ण दृष्टि डालते हैं जो की सप्तम भाव होता है |
  3. कुछ ग्रहों के पास 1 से अधिक दृष्टि होती है अर्थात वो अपने जगह बैठे हुए अलग अलग भाव पर भी विशेष असर डाल सकते हैं जैसे मंगल अपने भाव से बैठे बैठे चौथे, सातवें और आठवें भाव को प्रभावित कर सकता है |
  4. शुभ ग्रहों की दृष्टि भाव से सम्बंधित विषय की शुभता बढती है और कुदृष्टि से अशुभ परिणामो में वृद्धि होती है |
  5. ग्रह जिस भाव में बैठा होता है वही उसका पहला भाव होता है  और यही से दृष्टि की गणना करना चाहिए उदाहरण के लिए अगर मंगल जन्म कुंडली में चौथे भाव में बैठे हैं तो उसकी चौथी दृष्टि सातवें भाव पर होगी, सातवी दृष्टि दशम भाव पर पड़ेगी और आठवीं दृष्टि ग्यारहवें भाव पर पड़ेगी |
  6. एक ही राशि में स्थित ग्रह एक दूसरे को नहीं देखते हैं।
  7. दो छाया ग्रह, राहु और केतु के दृष्टि का उल्लेख मिलता है पर इनकी दृष्टि का असर नगण्य होता है | Graho Ki Drishti Ka Prabhav Jyotish Mai

आइये देखते हैं ग्रहों का दृष्टि chart :

ग्रह दृष्टि
सूर्य 7
मंगल 4,7,8
बुध 7
गुरु 5,7,9
शुक्र 7
शनि 3,7,10
राहु और केतु 5,7,9
चन्द्रमा 7

आइये जानते हैं की ग्रहों की दृष्टि कितनी प्रभावित करती हैं ?

  • ग्रहों की चार प्रकार की दृष्टि मानी गई है, एकपाद दृष्टि, द्विपाद दृष्टि, त्रिपाद दृष्टि एवं पूर्ण दृष्टि| 
  • ग्रहों की सातवीं दृष्टि पूर्ण रूप से प्रभावित करती है |
  • जब कोई ग्रह जन्म पत्रिका के किसी और घर से अपने घर पर पूर्ण दृष्टि डाले तो इस दृष्टि से जन्म कुंडली में राजयोग बनता है ।उदाहरण के लिए अगर मंगल सातवें भाव में बैठके पहले भाव को देखे जो की उसका स्वयं का भाव है तो ऐसे में राजयोग का निर्माण करेगा, इसी प्रकार अगर चन्द्रमा दशम भाव में बैठे तो चौथे भाव को पूर्ण दृष्टि से देखेगा जिससे राजयोग का निर्माण होगा, सूर्य अगर ग्यारहवें भाव में बैठे तो पंचम भाव को पूर्ण दृष्टि से देखेंगे जिससे राजयोग बनेगा, बुध अगर नवम भाव में बैठके तीसरे भाव को पूर्ण दृष्टि से देखे तो राज योग बनेगा, गुरु ग्रह अगर तीसरे भाव में बैठे तो नवम भाव को पूर्ण दृष्टि से देखेगा जिससे राजयोग बनेगा, शुक्र अगर अष्टम भाव में बैठे तो द्वितीय भाव को पूर्ण दृष्टि से देखेगा जिससे राजयोग बनेगा, शनि अगर पंचम भाव में बैठे तो ग्यारहवें भाव को पूर्ण दृष्टि से देखेगा जिससे राजयोग बनेगा |
  • जब कोई ग्रह सप्तम दृष्टि से किसी भाव को देखता है तो प्रभाव १००% होता है |
  • ग्रहों की चतुर्थ और अष्टम दृष्टि  में प्रभाव ७५% होता है |
  • ग्रहों की पंचम और नवम दृष्टि में प्रभाव ५०% होता है |
  • ग्रहों की तृतीय और दशम दृष्टि में प्रभाव २५% होता है |
Graho Ki Drishti Ka Prabhav Jyotish Mai

आइये अब जानते हैं ग्रहों की 12 भावो पर दृष्टि का क्या फल होता है ?

आगे बढने से पहले ये बात भी ध्यान रखें की शुभ या अशुभ प्रभाव कितना मिलेगा ये ग्रहों की स्थिति और शक्ति पर निर्भर करेगा इसीलिए विभिन्न जातको को अलग अलग प्रभाव देखने को मिलेंगे |

Surya Ki Drashti Ka 12 Bhavo Par Fal:

  1. सूर्य की प्रथम भाव पर पूर्ण दृष्टि होने पर जातक में नेतृत्त्व के गुण पैदा होते हैं, जातक को दबाना आसान नहीं होता है, जातक अध्यात्म विद्या के प्रति उत्सुक होता है, सामाजिक सेवा में भी योगदान देता है, पितृ कृपा से उसके काम होते रहते हैं |
  2. सूर्य की द्वितीय भाव पर पूर्ण दृष्टि होने पर जातक का जीवन संघर्षमय होता है, यात्राओं से धन कमा पाता है, कटु सत्य बोलने वाला होता है|
  3. सूर्य की तृतीय भाव पर पूर्ण दृष्टि होने पर जातक यात्राओं को करने वाला होता है, विद्वान् और पराक्रमी होता है  |Graho Ki Drishti Ka Prabhav Jyotish Mai
  4. सूर्य की चतुर्थ भाव पर पूर्ण दृष्टि होने पर जातक माता की कृपा से सुखो को प्राप्त करता है, काम काज में उच्च स्थान प्राप्त करता है, सरकारी नौकरी के योग भी बनाता है पर माँ के स्वास्थ्य के कारण परेशां रह सकता है | 
  5. सूर्य की पंचम भाव पर पूर्ण दृष्टि होने पर जातक को संतान से सम्बन्धी परेशानी से गुजरना पड़ता है, मंत्र शास्त्र का ज्ञाता हो सकता है, खेल और मनोरंजन के कार्यो से आय अर्जित कर सकता है|
  6. सूर्य की छठे भाव पर पूर्ण दृष्टि होने पर जातक शत्रुओं को पराजित करने वाला होता है, समय समय पर रोगों से पीड़ित हो सकता है, अपने ही आदतों के कारण दुखी रहता है, मामा परिवार से सम्बन्ध ख़राब रह सकते हैं | 
  7. सूर्य की सातवें भाव पर पूर्ण दृष्टि होने पर जातक का वैवाहिक जीवन प्रभावित होता है, पहचान बहुत होती है समाज में, व्यपार में सफलता प्राप्त करता है, स्वभाव उग्र होता है | 
  8. सूर्य की आठवें भाव पर पूर्ण दृष्टि होने पर जातक पाचन सम्बन्धी रोग से ग्रस्त रह सकता है, पाइल्स हो सकता है, गुप्त रोगी हो सकता है, वैवाहिक जीवन में परेशां रह सकता है, खोजी हो सकता है, भ्रमण करने वाला होता है |
  9. सूर्य की नवें  भाव पर पूर्ण दृष्टि होने पर जातक  धार्मिक, तीर्थ यात्रा करने वाला, पैतृक संपत्ति प्राप्त करने वाला होता है | 
  10. सूर्य की दसवें भाव पर पूर्ण दृष्टि होने पर जातक नाम और यश प्राप्त करने वाला होता है, धनी होता है, समाज और कार्य स्थल पल अपना प्रभुत्व रखता है |
  11. सूर्य की ग्यारहवें भाव पर पूर्ण दृष्टि होने पर जातक के एक से अधिक आय के स्त्रोत होते हैं, धनी होता है, संतान से कष्ट होता है, बुद्धिमान्, विद्वान्, कुलीन और धर्मात्मा होता है।
  12. सूर्य की बारहवें  भाव पर पूर्ण दृष्टि होने पर जातक बड़ी बड़ी यात्रायें करने वाला होता है, खर्चीला होता है, नेत्ररोगी हो सकता है, जबरदस्त आत्मशक्ति वाला होता है |Graho Ki Drishti Ka Prabhav Jyotish Mai

Chandrama Ki Drashti Ka 12 Bhavo Par Fal:

  1. चंद्रमा की लग्न पर पूर्ण दृष्टि होने से जातक भाग्यवान होगा, विपरीत लिंग के प्रति आसानी से आकर्षित होने वाला होगा, यात्राओं को करने वाला होगा और भावुक भी होगा |
  2. चंद्रमा की द्वितीय भाव पर पूर्ण दृष्टि होने से जातक को जल से हानि हो सकती है, कफ जनित समस्या से ग्रस्त रह सकता है, दूर देश की यात्रा करने वाला हो सकता है, प्रेम में धोखा भी खा सकता है |
  3. चंद्रमा की तृतीय भाव पर पूर्ण दृष्टि होने से जातक यात्रा करने वाला, धार्मिक और भाग्यशाली होता है | ऐसे लोग अपने व्यव्हार से किसी को भी अपना करीबी बना लेते हैं | 
  4. चंद्रमा की चतुर्थ भाव पर पूर्ण दृष्टि होने से जातक पारिवारिक सुखो को प्राप्त करता है, नाम और यश प्राप्त करता है, वाहन और भूमि का सुख प्राप्त करता है|  ऐसे लोग अगर माता की सेवा करते रहे तो भाग्य बढ़ता जाता है | Graho Ki Drishti Ka Prabhav Jyotish Mai
  5. चंद्रमा की पंचम भाव पर पूर्ण दृष्टि होने से जातक कला प्रेमी, बुद्धिमान, व्यवहारकुशल होता है, ऐसे लोगो को प्रेम करने वाला अच्छा साथी भी मिलता है | 
  6. चंद्रमा की छठे भाव पर पूर्ण दृष्टि होने से जातक अनिद्रा का शिकार हो सकता है, गुप्त रोगों से ग्रस्त हो सकता है, शत्रुओं के कारण परेशां रह सकता है, जल से हानि हो सकती है | 
  7. चंद्रमा की सप्तम भाव पर पूर्ण दृष्टि होने से जातक सुन्दर जीवन साथी प्राप्त करता है, सुखी वैवाहिक जीवन प्राप्त करता है, ऐसे लोगो के संपर्क भी अच्छे होते हैं और व्यापार में सफल होते हैं | Graho Ki Drishti Ka Prabhav Jyotish Mai
  8. चंद्रमा की अष्टम भाव पर पूर्ण दृष्टि होने से जातक शोध करने वाला होता है, अनावश्यक खर्चे करने वाला होता है, क्रांतिकारी विचार रखता है, नेत्र से सम्बंधित समस्याओं से ग्रस्त रह सकता है | 
  9. चंद्रमा की नवम भाव पर पूर्ण दृष्टि होने से जातक भाग्यशाली, धार्मिक, समाजसेवी होता है |
  10. चंद्रमा की दशम भाव पर पूर्ण दृष्टि होने से जातक के पास पशु धन होता है, जातक आय के लिए विभिन्न प्रकार के कार्यो को अपनाता है|
  11. चंद्रमा की ग्यारहवें भाव पर पूर्ण दृष्टि होने से जातक अपनी इच्छाओ को पूरा करने वाला होता है, आय के अनेक स्त्रोत होते हैं, प्रेम जीवन में भी सफलता प्राप्त करता है |
  12. चंद्रमा की बारहवें भाव पर पूर्ण दृष्टि होने से जातक अधिक खर्च करने वाला होता है, अनावश्यक चिंता करने वाला होता है, यात्राएं अधिक करने वाला होता है |

Magnal Ki Drashti Ka 12 Bhavo Par Fal:

  1. मंगल की प्रथम भाव पर पूर्ण दृष्टि होने पर जातक गुस्सेल हो सकता है, उर्जा से भरपूर हो सकता है, साहसी होता है और भूमि से लाभ प्राप्त करता है | 
  2. मंगल की द्वतीय भाव पर पूर्ण दृष्टि होने पर जातक का सम्बन्ध परिवारवालो से अच्छे नहीं रहते, ऐसे लोग धनी रहते हैं पर पेट से सम्बंधित परेशानी से ग्रस्त रहते हैं | ऐसे लोगो में मेहनत करने की अद्भुत क्षमता रहती है |
  3. मंगल की तृतीय भाव पर पूर्ण दृष्टि होने पर जातक पराक्रमी होते हैं, भाग्यशाली होते हैं, जोखिमभरे कार्यो को करते हैं | Graho Ki Drishti Ka Prabhav Jyotish Mai
  4. मंगल की चतुर्थ भाव पर पूर्ण दृष्टि होने पर जातक साहसिक कार्य करने में माहिर होता है, संपत्ति काफी होती है, स्वतंत्र रूप से कार्य करने वाला होता है | माता पिता से सम्बन्ध ख़राब हो सकते हैं | 
  5. मंगल की पांचवे भाव पर पूर्ण दृष्टि होने पर जातक मनोरंजन और खेल के क्षेत्र में नाम कमा सकता है | ऐसे लोगो को संतान से कष्ट हो सकता है | ऐसे लोग प्रेम के क्षेत्र में आगे रहते हैं और कभी कभी एक से अधिक सम्बन्ध भी बना के रखते हैं |
  6. मंगल की छठे भाव पर पूर्ण दृष्टि होने पर जातक शक्तिशाली, पराक्रमी होता है, शत्रुओं को पराजित करने वाला होता है | मामा परिवार के साथ समबन्ध ख़राब हो सकते हैं, ऐसे जातकों को रक्त से सम्बंधित समस्या से गुजरना पड़ सकता है |
  7. मंगल की सप्तम भाव पर पूर्ण दृष्टि होने पर जातक का सम्बन्ध जीवनसाथी के साथ अच्छे नहीं रह पाते हैं, कामवासना बहुत ज्यादा रहती है, ऐसे लोगों में उर्जा भी बहुत ज्यादा होती है और इसीलिए अगर इस उर्जा को सही दिशा में न लगाया जाए तो जातक गलत संगती में जाता है और व्यसनी भी हो जाता है |
  8. मंगल की अष्टम भाव पर पूर्ण दृष्टि होने पर जातक का बीमार रह सकता है, जातक का दुर्घटनाओं से सामना होता रहता है | भूमि से लाभ होने के योग बने रहते हैं | Graho Ki Drishti Ka Prabhav Jyotish Mai
  9. मंगल की नवम भाव पर पूर्ण दृष्टि होने पर जातक पराक्रमी होता है, समाजसेवा करने वाला होता है, धार्मिक कार्यो में सहयोग करने वाला होता है | 
  10. मंगल की दशम भाव पर पूर्ण दृष्टि होने पर जातक बहुत बड़े ओहदे पर काम करने वाला होता है, जातक जिस भी क्षेत्र में काम करता है उसमे सर्वोच्च शिखर पर पहुँचता है, जातक की पहचान उच्च अधिकारियो के साथ रहते हैं |
  11. मंगल की ग्यारहवें भाव पर पूर्ण दृष्टि होने पर जातक धनी होता है, इनके पास आय के अनेक स्त्रोत होते हैं, पर संतान से कष्ट होता है | 
  12. मंगल की बारहवें भाव पर पूर्ण दृष्टि होने पर जातक अनेक प्रकार के समस्याओं से ग्रस्त रहता है पर शत्रु नाशक होता है| ऐसे लोग समय समय पर विभिन्न प्रकार के रोगों से ग्रस्त रहते हैं |

Budh Ki Drashti Ka 12 Bhavo Par Fal:

  1. बुध की पहले भाव पर पूर्ण दृष्टि होने पर जातक बुद्धिमान और रणनीति बनाने में माहिर होता है | ऐसे लोग मिलनसार होते हैं और दूसरों को आसानी से अपना बना लेते हैं | ऐसे लोग व्यापार करने में भी माहिर होते हैं |
  2. बुध की दूसरे भाव पर पूर्ण दृष्टि होने पर जातक बेबाक होते हैं और स्वतंत्र विचारधारा रखते हैं | ऐसे लोग क्रांतिकारी विचार रखते हैं और अच्छे वक्ता होते हैं |
  3. बुध की तृतीय भाव पर पूर्ण दृष्टि होने पर जातक यात्राओं को करने वाला होता है, भाग्य का साथ मिलने से ऐसे लोगो के कार्य रुकते नहीं है और भाई बहनों के साथ भी इनके सम्बन्ध अच्छे होते हैं | Graho Ki Drishti Ka Prabhav Jyotish Mai
  4. बुध की चौथे भाव पर पूर्ण दृष्टि होने पर जातक अपने कौशल से धन, मान-सम्मान प्राप्त करते हैं |  वाहन और भूमि का सुख भी भोगते हैं | ऐसे लोग परिवार के प्रति भी अपनी जिम्मेदारी को समझते हैं और निभाते हैं |
  5. बुध की पंचम भाव पर पूर्ण दृष्टि होने पर जातक विद्वान होता है और कलाकार होता है | ऐसे लोग दूसरो से काम निकालने का हुनर अच्छा जानते हैं और लोगों को भी इनका साथ पसंद आता है | 
  6. बुध की छठे भाव पर पूर्ण दृष्टि होने पर जातक गलत संगत में रहके धन और मान हानि करवा बैठता है, कई प्रकार के रोगों से भी जातक गुजरता है | 
  7. बुध की सप्तम भाव पर पूर्ण दृष्टि होने पर जातक अच्छा व्यापारी होता है, ऐसे लोग के संपर्क बहुत अच्छे होते हैं | जीवन साथी भी विद्वान् होता है | 
  8. बुध की अष्टम भाव पर पूर्ण दृष्टि होने पर जातक का चित्त अस्थिर होता है जिसके कारण ऐसे लोग यात्राओं को पसंद करते हैं | ऐसे लोग अच्छे शोधकर्ता होते हैं | Graho Ki Drishti Ka Prabhav Jyotish Mai
  9. बुध की नवम भाव पर पूर्ण दृष्टि होने पर जातक विद्वान् होता है और साथ ही धार्मिक यात्राओं को करने वाला होता है और साथ ही धार्मिक यात्राओं को करवाने वाला भी हो सकता है | ऐसे लोग अच्छे सलाहकार भी बन सकते हैं | 
  10. बुध की दशम भाव पर पूर्ण दृष्टि होने पर जातक बहुमुखी प्रतिभा का धनी होता है जिससे उसे मान सम्मान की प्राप्ति होती है | ऐसे लोग समाज में दुसरो के आदर्श बन सकते हैं |
  11. बुध की ग्यारहवें भाव पर पूर्ण दृष्टि होने पर जातक धन कमाने में माहिर होता है, अपनी हर ईच्छा को पूरी करता है| संतान से सुख प्राप्त होता है |
  12. बुध की बारहवें भाव पर पूर्ण दृष्टि होने पर जातक फिजूलखर्ची बहुत करता है, गलत संगत में फंस जाए तो बर्बाद हो जाता है | यहाँ अगर बुध का शुभ प्रभाव हो तो जातक छोटे छोटे निवेश करते हुए धनवान बनता है |

Guru Ki Drashti Ka 12 Bhavo Par Fal:

  1. गुरु की प्रथम भाव पर पूर्ण दृष्टि होने पर जातक ज्ञानी, बुद्धिमान और अच्छा मार्गदर्शक होता है, ऐसे लोगो को जीवनसाथी भी बुद्धिमान मिलता है |
  2. गुरु की द्वितीय भाव पर पूर्ण दृष्टि होने पर जातक धनी और ओजस्वी होता है, अपनी वाणी से दूसरों को प्रभावित करने का गुण इनमे होता है |
  3. गुरु की तृतीय भाव पर पूर्ण दृष्टि होने पर जातक भाग्यशाली होगा, पराक्रमी होगा, तीर्थ यात्राओं को करने वाला होगा, समाज सेवा और धार्मिक कार्यो में नाम और यश प्राप्त करता है |
  4. गुरु की चौथे भाव पर पूर्ण दृष्टि होने पर जातक को भौतिक सुख सुविधाएं सारी मिलती है, माता पिता के आशीर्वाद से जीवन में सफलता मिलती रहती है | Graho Ki Drishti Ka Prabhav Jyotish Mai
  5. गुरु की पंचम भाव पर पूर्ण दृष्टि होने पर जातक बहुमुखी प्रतिभा का धनी  होता है, विद्वान् होता है, संतान सुख प्राप्त होता है | अपनी हर ईच्छा को जातक पूरी कर पाता है |
  6. गुरु की छठे भाव पर पूर्ण दृष्टि होने पर जातक फिजूल खर्ची बहुत करता है, दिखावे में धन खर्च करता है, गलत संगत मिलने पर अनैतिक कार्यो की और बढ़ने लगता है |
  7. गुरु की सप्तम भाव पर पूर्ण दृष्टि होने पर जातक के संपर्क विद्वान् लोगो से होते हैं, इनका जीवन साथी भी विद्वान् और प्रभावशाली होता है |
  8. गुरु की अष्टम भाव पर पूर्ण दृष्टि होने पर जातक के जीवन में आकस्मिक रूप से कोई न कोई बदलाव समय समय पर होता रहता है, कभी अपार धन की प्राप्ति होती है तो कभी बड़ी हानि भी होती है | ऐसे लोग अच्छे शोधकर्ता होते हैं और किसी भी विषय की गहराई तक जाने का गुण रखते हैं |
  9. गुरु की नवम भाव पर पूर्ण दृष्टि होने पर जातक भाग्यशाली और शास्त्रों को ज्ञाता होता है, ऐसे लोग जीवन भर कुछ न कुछ सीखते रहते हैं और दुसरो के लिए आदर्श बन जाते हैं | 
  10. गुरु की दशम भाव पर पूर्ण दृष्टि होने पर जातक समाज में प्रभावी व्यक्तित्त्व रखते हैं, समय के साथ ऐसे लोगो का ऐश्वर्य बढ़ता जाता है, समस्त प्रकार के सुख सुविधाओं से युक्त रहते हैं |  Graho Ki Drishti Ka Prabhav Jyotish Mai
  11. गुरु की ग्यारहवें भाव पर पूर्ण दृष्टि होने पर जातक बुद्धिमान, संतान सुख वाला, धनी, अपनी इच्छाओं को पूरा करने वाला होता है | 
  12. गुरु की बारहवें भाव पर पूर्ण दृष्टि होने पर जातक बहुत खर्च करने वाला होता है, दानी होता है, लम्बे निवेश करने में भी अच्छे होते हैं |

Shukra Ki Drashti Ka 12 Bhavo Par Fal:

  1. शुक्र की प्रथम भाव पर पूर्ण दृष्टि होने पर जातक आकर्षक व्यक्तित्त्व का स्वामी होता है, सुख सुविधा पूर्ण जीवन जीता है, विपरीत लिंग के प्रति आसानी से आकर्षित हो जाते हैं |
  2. शुक्र की दुसरे भाव पर पूर्ण दृष्टि होने पर जातक धनी होते हैं, अपनी वाणी से किसी को भी मोहित करने का गुण रखते हैं, पारिवारिक सुख प्राप्त करते हैं | 
  3. शुक्र की तृतीय भाव पर पूर्ण दृष्टि होने पर जातक को भाई बहनों का सुख प्राप्त होता है, जातक यात्राओं का शौक़ीन होता है, मनोरंजन की दुनिया में नाम कमा सकता है |
  4. शुक्र की चतुर्थ भाव पर पूर्ण दृष्टि होने पर जातक सभी प्रकार के ऐशोआराम को भोगने वाला होता है, समाज से जुड़े कार्यो में सफलता प्राप्त करता है, जिस भी क्षेत्र में काम करता है वहां पर अलग पहचान बना लेता है |
  5. शुक्र की पंचम भाव पर पूर्ण दृष्टि होने पर जातक कला प्रेमी होता है और मनोरंजन की दुनिया में सफलता प्राप्त कर सकता है| प्रेम जीवन में भी ऐसे लोग सफल होते हैं | भौतिक दुनिया का बहुत अच्छा ज्ञान इन्हें होता है | Graho Ki Drishti Ka Prabhav Jyotish Mai
  6. शुक्र की छ्टे भाव पर पूर्ण दृष्टि होने पर जातक बहुत जल्दी गलत संगत में फंस सकता है, नशे का आदि हो सकता है, ऐसे जातक वीर्य से सम्बंधित रोग से ग्रस्त हो सकते हैं | विपरीत लिंग के कारण परेशानी में फंस सकते हैं |
  7. शुक्र की सप्तम भाव पर पूर्ण दृष्टि होने पर जातक स्वतंत्र विचारधारा के होते हैं, विपरीत लिंग के साथ समय गुजारना इन्हें ज्यादा पसंद आता है, दुसरो को आकर्षित करने का गुण इनमे बहुत अच्छा होता है, इनकी पहचान भी बहुत होती है |
  8. शुक्र की अष्टम भाव पर पूर्ण दृष्टि होने पर जातक को गुप्त रोग होने की सम्भावना रहती है, दिखावे में बहुत धन खर्च करते हैं | 
  9. शुक्र की नवम भाव पर पूर्ण दृष्टि होने पर जातक अपने कार्यक्षेत्र में विशेष स्थान बनाने में सफल होता है, लोगो ऐसे लोगो को अपना मार्गदर्शक मान लेते हैं | यात्रा करना इन्हें पसंद होता है |
  10. शुक्र की दशम भाव पर पूर्ण दृष्टि होने पर जातक के सम्बन्ध उच्च अधिकारियो से होते हैं और ऐसे लोग अधिकारियो को उनकी सुविधाएं मुहैया करवाने में सफल होते हैं | अपनी सेवा से ये काफी अच्छा धन और सम्मान कमाते हैं | Graho Ki Drishti Ka Prabhav Jyotish Mai
  11. शुक्र की ग्यारहवें भाव पर पूर्ण दृष्टि होने पर जातक के अनेक आय के स्त्रोत हो सकते हैं | ऐसे लोग कलाप्रेमी होते हैं और मनोरंजन के क्षेत्र से भी अच्छा कमाते हैं | अपनी हर भौतिक ईच्छा को ये पूरा करते हैं |
  12. शुक्र की बारहवें भाव पर पूर्ण दृष्टि होने पर जातक अनावश्यक रूप से धन खर्चे करता रहता है, अनैतिक कार्यो में धन खर्च करता है, जीवन में छुपे हुए शत्रुओ से परेशां रहते हैं |

Shani Ki Drashti Ka 12 Bhavo Par Fal:

  1. शनि की प्रथम भाव पर पूर्ण दृष्टि होने पर जातक लम्बा हो सकता है, गंभीर व्यक्तित्त्व का हो सकता है| वैवाहिक जीवन संतोषप्रद नहीं रहता है |
  2. शनि की दूसरे भाव पर पूर्ण दृष्टि होने पर जातक शोध कार्यो में और भूमि सम्बन्धी कार्यो से कमा सकता है, ऐसे लोगो का धन बिमारी और दुर्घटनाओं में खर्च होता है अचानक से, पारिवारिक सुख में कमी रहती है |
  3. शनि की तृतीय भाव पर पूर्ण दृष्टि होने पर जातक पराक्रमी होता है पर अपने पराक्रम का सही उपयोग नहीं कर पाता है जिससे अवसाद ग्रस्त होते रहतेहैं | भाई बहनों से सम्बन्ध अच्छे नहीं रहते हैं |
  4. शनि की चतुर्थ भाव पर पूर्ण दृष्टि होने पर जातक अपनी उम्र से ज्यादा जिम्मेदारियां निभाने वाला होता है, ऐसे लोग खूब मेहनती होती हैं और अपना नाम करते हैं | वाहन और भूमि का सुख प्राप्त करते हैं |
  5. शनि की पंचम भाव पर पूर्ण दृष्टि होने पर जातक को संतान से कष्ट प्राप्त होता है, अध्यात्मिक विद्या प्राप्त करने में सफ़ल होते हैं| Graho Ki Drishti Ka Prabhav Jyotish Mai
  6. शनि की छठे भाव पर पूर्ण दृष्टि होने पर जातक शत्रुओं को पराजित करने वाला होता है पर जीवन में छुपे हुए शत्रुओ से परेशां भी रहता है | ऐसे लोग अनैतिक कार्यो में भी आसानी से फंस सकते हैं अतः अपनी संगती का विशेष ध्यान रखना चाहिए |
  7. शनि की सप्तम भाव पर पूर्ण दृष्टि होने पर जातक शनि से सम्बंधित कार्यो में सफलता प्राप्त करता है, जीवन साथी के साथ सम्बन्ध ठीक नहीं रहते हैं | करीबियों से धोखा भी मिलता रहता है |
  8. शनि की अष्टम भाव पर पूर्ण दृष्टि होने पर जातक का जीवन संघर्षमय होता है, रह रह के रोग या दुर्घटनाओं का शिकार होता है| पारिवारिक जीवन में सुख कम होता है | जीवन में बड़े बदलाव से गुजरना पड़ता है विशेषकर शनि की दशा में |
  9. शनि की नवम भाव पर पूर्ण दृष्टि होने पर जातक घुमक्कड़ रहता है, जन्म स्थान से दूर उसका भाग्योदय होता है, भाई बहनों के साथ सम्बन्ध ठीक नहीं रहते हैं | अनैतिक कार्यो से धन उपार्जन करता है |
  10. शनि की दशम भाव पर पूर्ण दृष्टि होने पर जातक अतीजिम्मेदारियों के कारण व्यस्त रहता है और परिवार को कम समय दे पाता है | भूमि और वाहन का सुख होते हुए भी संतोष नहीं रहता है |
  11. शनि की ग्यारहवें भाव पर पूर्ण दृष्टि होने पर जातक बहुत मेहनती होता है और समय के साथ ऐसे लोगो के आय के स्त्रोत भी बढ़ जाते हैं | Graho Ki Drishti Ka Prabhav Jyotish Mai
  12. शनि की बारहवें भाव पर पूर्ण दृष्टि होने पर जातक लम्बे समय के लिए निवेश करता रहता है, अनावश्यक रूप से धन खर्च भी खूब होता है, स्वास्थ्य को लेके भी चिंता बनी रहती है |

तो इस प्रकार हमने जाना की ग्रहों के दृष्टि का क्या मतलब होता है, ग्रहों का दृष्टि कितनी होती है, ग्रहों की दृष्टि कितनी प्रभावित करती हैं ?, ग्रहों की 12 भावो पर दृष्टि का क्या फल होता है ?, Surya Ki Drashti Ka 12 Bhavo Par kya Fal hota hai,Chandrama Ki Drashti Ka 12 Bhavo Par kya Fal hota hai, Magnal Ki Drashti Ka 12 Bhavo Par kya Fal hota hai, Budh Ki Drashti Ka 12 Bhavo Par kya fal hota hai, Guru Ki Drashti Ka 12 Bhavo Par kya Fal hota hai, Shukra Ki Drashti Ka 12 Bhavo Par kya Fal hota hai, Shani Ki Drashti Ka 12 Bhavo Par kya fal hota hai?

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कामदेव मंत्र ओम क्लीं कामदेवाय नमः के फायदे,  प्रेम और आकर्षण के लिए मंत्र, शक्तिशाली प्रेम मंत्र, प्रेम विवाह के लिए सबसे अच्छा मंत्र, सफल रोमांटिक जीवन के लिए मंत्र, lyrics of kamdev mantra। कामदेव प्रेम, स्नेह, मोहक शक्ति, आकर्षण शक्ति, रोमांस के देवता हैं। उसकी प्रेयसी रति है। उनके पास एक शक्तिशाली प्रेम अस्त्र है जिसे कामदेव अस्त्र के नाम से जाना जाता है जो फूल का तीर है। प्रेम के बिना जीवन बेकार है और इसलिए कामदेव सभी के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। उनका आशीर्वाद जीवन को प्यार और रोमांस से भरा बना देता है। om kleem kaamdevay namah mantra ke fayde in hindi कामदेव मंत्र का प्रयोग कौन कर सकता है ? अगर किसी को लगता है कि वह जीवन में प्रेम से वंचित है तो कामदेव का आह्वान करें। यदि कोई एक तरफा प्रेम से गुजर रहा है और दूसरे के हृदय में प्रेम की भावना उत्पन्न करना चाहता है तो इस शक्तिशाली कामदेव मंत्र से कामदेव का आह्वान करें। अगर शादी के कुछ सालों बाद पति-पत्नी के बीच प्यार और रोमांस कम हो रहा है तो इस प्रेम मंत्र का प्रयोग जीवन को फिर से गर्म करने के लिए करें। यदि शारीरिक कमजोरी

Mrityunjay Sanjeevani Mantra Ke Fayde

MRITYUNJAY SANJEEVANI MANTRA , मृत्युंजय संजीवनी मन्त्र, रोग, अकाल मृत्यु से रक्षा करने वाला मन्त्र |  किसी भी प्रकार के रोग और शोक से बचाता है ये शक्तिशाली मंत्र |  रोग, बुढ़ापा, शारीरिक कष्ट से कोई नहीं बचा है परन्तु जो महादेव के भक्त है और जिन्होंने उनके मृत्युंजय मंत्र को जागृत कर लिए है वे सहज में ही जरा, रोग, अकाल मृत्यु से बच जाते हैं |  आइये जानते हैं mrityunjaysanjeevani mantra : ऊं मृत्युंजय महादेव त्राहिमां शरणागतम जन्म मृत्यु जरा व्याधि पीड़ितं कर्म बंधनः।। Om mriyunjay mahadev trahimaam sharnagatam janm mrityu jara vyadhi peeditam karm bandanah || मृत्युंजय संजीवनी मंत्र का हिंदी अर्थ इस प्रकार है : है कि हे मृत्यु को जीतने वाले महादेव मैं आपकी शरण में आया हूं, मेरी रक्षा करें। मुझे मृत्यु, वृद्धावस्था, बीमारियों जैसे दुख देने वाले कर्मों के बंधन से मुक्त करें।  Mrityunjay Sanjeevani Mantra Ke Fayde आइये जानते हैं मृत्युंजय संजीवनी मंत्र के क्या क्या फायदे हैं : भोलेनाथ दयालु है कृपालु है, महाकाल है अर्थात काल को भी नियंत्रित करते हैं इसीलिए शिवजी के भक्तो के लिए कु

Tantroktam Devi suktam Ke Fayde aur lyrics

तन्त्रोक्तं देवीसूक्तम्‌ ॥ Tantroktam Devi Suktam ,  Meaning of Tantroktam Devi Suktam Lyrics in Hindi. देवी सूक्त का पाठ रोज करने से मिलती है महाशक्ति की कृपा | माँ दुर्गा जो की आदि शक्ति हैं और हर प्रकार की मनोकामना पूरी करने में सक्षम हैं | देवी सूक्तं के पाठ से माता को प्रसन्न किया जा सकता है | इसमें हम प्रार्थना करते हैं की विश्व की हर वास्तु में जगदम्बा आप ही हैं इसीलिए आपको बारम्बार प्रणाम है| नवरात्री में विशेष रूप से इसका पाठ जरुर करना चाहिए | Tantroktam Devi suktam  Ke Fayde aur lyrics आइये जानते हैं क्या फायदे होते हैं दुर्गा शप्तशती तंत्रोक्त देवी सूक्तं के पाठ से : इसके पाठ से भय का नाश होता है | जीवन में स्वास्थ्य  और सम्पन्नता आती है | बुरी शक्तियों से माँ रक्षा करती हैं, काले जादू का नाश होता है | कमजोर को शक्ति प्राप्त होती है | जो लोग आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं उनके आय के स्त्रोत खुलते हैं | जो लोग शांति की तलाश में हैं उन्हें माता की कृपा से शांति मिलती है | जो ज्ञान मार्गी है उन्हें सत्य के दर्शन होते हैं | जो बुद्धि चाहते हैं उन्हें मिलता है | भगवती की क