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Latest Astrology Updates in Hindi

Saptahik Rashifal

Saptahik Rashifal Aur Panchang, 27  अप्रैल से 4 मई 2025 तक की भविष्यवाणियां| प्रेम जीवन की भविष्यवाणी, आने वाले सप्ताह में किस राशि के जातकों को लाभ मिलेगा, आने वाले सप्ताह के महत्वपूर्ण दिन और राशिफल, जानें आने वाले सप्ताह में कितने सर्वार्थ सिद्धि योग और महत्वपूर्ण दिन मिलेंगे। आगामी साप्ताहिक सर्वार्थ सिद्धि योग: 27 अप्रैल को सूर्योदय से रात्री 1 बजे तक रहेगा सर्वार्थ सिद्धि योग | 29 अप्रैल को सूर्योदय से 9:45 रात्री तक रहेगा सर्वार्थ सिद्धि योग | 2 मई को 6:16 शाम से रात्री अंत तक रहेगा सर्वार्थसिद्धि योग. 4 मई को सूर्योदय से रात्री शाम 5:43 शाम तक रहेगा सर्वार्थसिद्धि योग. Saptahik Rashifal आइए अब जानते हैं कि आने वाले सप्ताह में हमें कौन से महत्वपूर्ण दिन मिलेंगे: अमावस्या 27 अप्रैल रविवार को है. गुरु अंगददेव जयंती 28 अप्रैल सोमवार को है.  अक्षय तृतीय ३० अप्रैल बुधवार को है.  विनायक चतुर्थी व्रत 1 मई को है.  संत सूरदास जयंती 2 मई को है. आगामी सप्ताह का पूरा पंचांग और महूरत पढ़ें आइए अब जानते हैं  27  अप्रैल से 4 मई   2025   के बीच र...

Nakshatra Aur Rashi Chart Details in hindi

Nakshatra aur Rashi Chart, नाम के पहले अक्षर से जानिए नक्षत्र और राशि, जानिए किस नक्षत्र का प्रभाव है जातक के ऊपर, पंचक नक्षत्र कौन से हैं  |

Nakshatra aur Rashi Chart: एक राशि 2 या 3 नक्षत्रो से बनती है और इसीलिए जब जन्म लेने वाले जातक का नामकरण होता है तो उसके नाम का अक्षर नक्षत्र के आधार पर निकाला जाता है |

जातक का जन्म जिस नक्षत्र के जिस चरण में होगा उसके आधार पर ही नाम का पहला अक्षर निकलता है |

वैदिक ज्योतिष के अनुसार 12 राशियां होती है, प्रत्येक राशि 30 डिग्री की होती है और 27 नक्षत्र होते हैं। हर राशि नक्षत्रो के संयोजन से बनती है | हर नक्षत्र के 4 चरण होते हैं जिसे की नक्षत्र के 4 भाग कहते हैं और हर चरण के अक्षर अलग होते हैं | Nakshatra aur Rashi Chart

Nakshatra aur Rashi Chart, नाम के पहले अक्षर से जानिए नक्षत्र और राशि, जानिए किस नक्षत्र का प्रभाव है जातक के ऊपर |
Nakshatra Aur Rashi Chart Details in hindi

नक्षत्र क्या होते हैं ?

आकाश मंडल में स्थित तारों के समूह को नक्षत्र कहा जाता है। भारतीय महर्षियों ने 27 समूहों को खोजा जो की विशेष थे | एक नक्षत्र 13.20 अंश का होता है।  

27 नक्षत्रों को भी तीन भागों में विभाजित कर दिया गया है। शुभ नक्षत्र, मध्यम नक्षत्र और अशुभ नक्षत्र।  

  1. ऐसी मान्यता है की शुभ नक्षत्रो में किये गए कार्य सफल होते हैं। इनमें 15 नक्षत्र आते हैं - रोहिणी, अश्विन, मृगशिरा, पुष्य, हस्त, चित्रा, रेवती, श्रवण, स्वाति, अनुराधा, उत्तराभाद्रपद, उत्तराषाढा, उत्तरा फाल्गुनी, घनिष्ठा, पुनर्वसु। 
  2. दूसरे नंबर पे हैं मध्यम नक्षत्र जिनके लिए कहा जाता है की इनमे किये गए कार्य मध्यम रूप से फलदायी होते हैं | ये 8 हैं और इनके नाम इस प्रकार हैं - पूर्वा फाल्गुनी, पूर्वाषाढ़ा, पूर्वाभाद्रपद, विशाखा, ज्येष्ठा, आर्द्रा, मूल और शतभिषा। Nakshatra aur Rashi Chart
  3. तीसरे नंबर पे हैं अशुभ नक्षत्र और ऐसी मान्यता है की इनमे किए गए कार्यों में परेशानी आती है और संघर्ष ज्यादा करना  पड़ता है | ये 4 होते हैं और इन नक्षत्रो के नाम हैं - भरणी, कृतिका, मघा और आश्लेषा।

पंचक क्या होते हैं ?

पंचक तब लगता है जब चन्द्रमा कुम्भ और मीन राशि के नक्षत्रो से गुजरता है जो की हैं -घनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद, रेवती| Nakshatra aur Rashi Chart

गंडमूल नक्षत्र क्या होते हैं ?

अश्विनी,आश्लेषा, मघा, ज्येष्ठा, मूल और रेवती को गंडमूल नक्षत्र कहा गया है और ये 6 नक्षत्र संघर्षो को जन्म देने वाले हैं | Read in details Mool Nakshatra kya hote hai?

Rashi And Nakshatra Chart With Charan:

12 राशियों की लिस्ट जन्म का नक्षत्र नाम का पहला अक्षर
मेष अश्विनि, भरणी, कृतिका प्रथम चरण चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ
वृषभ कृतिका(2,3 और 4 चरण ), रोहिणी, मृगशिरा(1 और 2 चरण ) ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो
मिथुन मृगशिरा(3 और 4 चरण ), आर्द्रा, पुनर्वसु(1,2 और 3 चरण ) का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह
कर्क पुनर्वसु(चौथा चरण), पुष्य, अश्लेषा ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो
सिंह मघा, पूर्वाफाल्गुनी, उत्तराफाल्गुनी का प्रथम चरण मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे
कन्या उत्तराफाल्गुनी(2, 3 और 4 चरण ), हस्त, चित्रा के 1 और 2 चरण ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो
तुला चित्रा के 3 और 4 चरण, स्वाती, विशाखा के 1, 2 और 3 चरण रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते
वृश्चिक विशाखा का चौथा चरण, अनुराधा, ज्येष्ठा तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू
धनु मूल, पूर्वाषाढ़ा, उत्तराषाढ़ा का प्रथम चरण ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे
मकर उत्तराषाढ़ा के 2,3 और 4 चरण, श्रवण, घनिष्ठा के 1 और 2 चरण भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी
कुम्भ घनिष्ठा के 3 और 4 चरण, शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद के 1,2, और 3 चरण गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा
मीन पूर्वाभाद्रपद का चौथा चरण, उत्तराभाद्रपद, रेवती दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची


12 राशियों के अंश(DEGREE) को जानते हैं :

  1. Mesh Rashi(मेष)  0-30 अंश
  2. Vrishabh Rashi (वृषभ)   30-60 अंश
  3. Mithun Rashi (मिथुन)  60-90 अंश
  4. Kark Rashi (कर्क)  90-120 अंश 
  5. Singh Rashi(सिंह)  120-150 अंश 
  6. Kanya Rashi(कन्या)  150-180 अंश Nakshatra aur Rashi Chart
  7. Tula Rashi(तुला)  180-210 अंश 
  8. Vrischik Rashi(वृश्चिक)  210-240 अंश 
  9. Dhanu Rashi(धनु)  240-270 अंश 
  10. Makar Rashi(मकर)  270-300 अंश 
  11. Kumbh Rashi(कुम्भ)  300-330 अंश 
  12. Meen Rashi(मीन) 330-360 अंश Nakshatra aur Rashi Chart

Nakshatra aur Rashi Chart, नाम के पहले अक्षर से जानिए नक्षत्र और राशि, जानिए किस नक्षत्र का प्रभाव है जातक के ऊपर, पंचक नक्षत्र कौन से हैं, Find Zodiac and constellation by Name Initial |

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