Shri Ketu Panchvivshati Naam Stotram Lyrics, Ketu strotram ke laabh, Ketu ke upaay.
स्कंद पुराण में मौजूद "केतु पंचविंशति नाम स्त्रोत्रम" उन लोगो के लिए वरदान से कम नहीं हैं जो लोग केतु के दुष्प्रभाव के कारण जीवन में संघर्षो से गुजर रहे हैं |
अगर केतु महादशा या अन्तर्दशा में है और अशुभ फल दे रहा हो तो ऐसे में केतु पंचविंशति नाम स्त्रोत्रम का प्रतिदिन श्रवण करना चाहिए और पाठ करना चाहिए | इससे अदृश्य बाधाओं का नाश होता है और सफलता के रास्ते खुलते हैं |
Shri Ketu Panchvivshati Naam Stotram Lyrics |
केतु जीवन में आकस्मिक घटनाओं का कारण होता है और साथ ही इसके शुभ होने पर जातक को परालौकिक शक्तियां प्राप्त हो सकती है |
वैदिक ज्योतिष में केतु को छाया ग्रह माना जाता है |
पढ़िए जन्म कुंडली के 12 भावों में केतु का प्रभाव
अशुभ केतु के प्रभाव :
अगर केतु गोचर में या फिर जन्म कुंडली में अशुभ हो तो जातक को बहुत परेशानी का सामना करना पड़ता है जैसे पशु हानि हो सकती है, बैचैनी हो सकती है, डरावने सपने आ सकते हैं, मानसिक रूप से कमजोरी हो सकती है, भ्रम हो सकता है, अवसाद से गुजरना पड़ सकता है |
ऐसे में केतु शांति की पूजा फायदे मंद है और साथ ही अगर "केतु पंचविंशति नाम स्त्रोत्रम" का जप किया जाए तो बहुत फायदा होता है |
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तो आइये पाठ करें इस दिव्य स्त्रोत्रम का :
Lyrics of पंचविंशति नाम स्त्रोत्रम:
केतु: काल: कलयिता धूम्रकेतुर्विवर्णक:।
लोककेतुर्महाकेतु: सर्वकेतुर्भयप्रद: ।।1।।
रौद्रो रूद्रप्रियो रूद्र: क्रूरकर्मा सुगन्ध्रक्।
फलाशधूमसंकाशश्चित्रयज्ञोपवीतधृक् ।।2।।
तारागणविमर्दो च जैमिनेयो ग्रहाधिप:।
पंचविंशति नामानि केतुर्य: सततं पठेत् ।।3।।
तस्य नश्यंति बाधाश्चसर्वा: केतुप्रसादत:।
धनधान्यपशूनां च भवेद् व्रद्विर्नसंशय: ।।4।।
|| इति श्री स्कन्द पुराणे केतु पंचविंशति नाम स्त्रोत्रम सम्पूर्णं ||
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