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Shiv Suvarnmala Stuti Lyrics With Hindi Meaning

Shiv Suvarnmala Stuti Lyrics With Hindi Meaning, शिव स्वर्णमाला स्तुति अर्थ सहित, शंकराचार्य जी द्वारा रचित शिव स्तुति.  आदिगुरु शंकराचार्य जी ने शिव स्वर्णमाला स्तुति की रचना की है जिसमे भगवान शंकर की आराधना की है. इसके पाठ से भगवान शिव की कृपा से हमारा जीवन सफल हो सकता है.  Shiva Suvarnamala Stuti में भगवान शिव की महिमा का गान है. जो लोग भौतिक के साथ अध्यात्मिक सफलता चाहते हैं उनके लिए ये सत्ती अति महत्त्वपूर्ण है, इसके पाठ से सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है.  Shiv Suvarnmala Stuti Lyrics With Hindi Meaning Shiva Suvarnamala Stuti Lyrics – शिव स्वर्णमाला स्तुति ॥ शिव स्वर्णमाला स्तुति॥ अथ कथमपि मद्रसनां त्वद्गुणलेशैर्विशोधयामि भो । साम्ब सदाशिव शंभो शंकर शरणं मे तव चरणयुगम् ॥ १ ॥ आखण्डलमदखण्डनपण्डित तण्डुप्रिय चण्डीश भो । साम्ब सदाशिव शंभो शंकर शरणं मे तव चरणयुगम् ॥ २ ॥ इभचर्माम्बर शम्बररिपुवपुरपहरणोज्ज्वलनयन भो । साम्ब सदाशिव शंभो शंकर शरणं मे तव चरणयुगम् ॥ ३ ॥ ईश गिरीश नरेश परेश महेश बिलेशयभूषण भो । साम्ब सदाशिव शंभो शंकर शरणं मे तव चरणयुगम् ॥ ४ ॥ ...

Pishach Mochan kund Varanasi Ka Rahasya

Pishach Mochan kund kaha hai, क्या विशेषता है इस कुंड की, Pishach Mochan Yatra kab hoti hai,  पिशाच मोचनी यात्रा की जानकारी, भटकती आत्माओं के मोक्ष मिलने का स्थान |

Pishach Mochan Kund

काशी को मोक्ष नगरी की उपाधि प्राप्त है और इसी नगरी में एक रहस्यमई कुंड है जिसे "पिशाच मोचन कुंड" के नाम से जाना जाता है | 

यहाँ पर पितृ पक्ष में १६ दिन विशेष रूप से तर्पण और श्राद्ध कर्म होते हैं पितरो की मुक्ति के लिए | ऐसी मान्यता है की यहाँ पर किसी भी अतृप्त आत्मा को मुक्ति मिल सकती है | 

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Pishach Mochan kund Varanasi Ka Rahasya

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आइये जानते हैं इसका पूरा पता :

तो ये जगह वाराणसी में कामायनी रोड पर लोहामंडी में चेतगंज में स्थित है | 


आइये जानते हैं पिशाच मोचन कुंड के बारे में ख़ास बाते :

  1. यहाँ पर एक प्राचीन पीपल का पेड़ है जिसमे मान्यता के अनुसार अतृत्प आत्माओं को छोड़ा जाता है मुक्ति के लिए | 
  2. यहाँ पर त्रिपिंडी श्राद्ध किया जाता है जिससे प्रेत योनी से किसी भी आत्मा को मुक्ति मिलती है |
  3. पितृ ऋण से मुक्ति  के लिए यहाँ पर कर्मकांड होते  हैं | 
  4. यहाँ पर काला, लाल और सफेद झंडे लगाएं जाते हैं विभिन्न प्रकार के प्रेत बाधाओं से मुक्ति के लिए | 
  5. अनादी काल से यहाँ पर प्रेत बाधा से मुक्ति हेतु कर्मकांड होते आ रहे हैं | 
  6. तामसीक प्रवृत्ति की आत्माओं से छुटकारे के लिए पिशाच मोचन कुंड के पीपल के पेड़ में कील ठोक कर उन्हें बांधा जाता है जिससे उन्हें मुक्ति मिलती है |
  7. गरुड़ पुराण और स्कंद पुराण  में भी पिशाचन मोचन  कुंड का वर्णन मिलता है।

पिशाच मोचनी यात्रा | Pisach Mochani Yatra : 

हर साल अगहन महीने की पूर्णिमा को पिशाच मोचिनी यात्रा होती है वराणसी में | इस साल 14 दिसम्बर २०२४ को pisach mochni yatra होगी | इस दिन अतृप्त आत्माओं, अकाल मृत्यु को प्राप्त हुए पूर्वजों को मुक्त करने हेतु विशेष अनुष्ठान होते हैं |

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