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Shiv Suvarnmala Stuti Lyrics With Hindi Meaning

Shiv Suvarnmala Stuti Lyrics With Hindi Meaning, शिव स्वर्णमाला स्तुति अर्थ सहित, शंकराचार्य जी द्वारा रचित शिव स्तुति.  आदिगुरु शंकराचार्य जी ने शिव स्वर्णमाला स्तुति की रचना की है जिसमे भगवान शंकर की आराधना की है. इसके पाठ से भगवान शिव की कृपा से हमारा जीवन सफल हो सकता है.  Shiva Suvarnamala Stuti में भगवान शिव की महिमा का गान है. जो लोग भौतिक के साथ अध्यात्मिक सफलता चाहते हैं उनके लिए ये अति महत्त्वपूर्ण है, इसके पाठ से सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है.  Shiv Suvarnmala Stuti Lyrics With Hindi Meaning सुनिए YouTube में  Shiva Suvarnamala Stuti Lyrics – शिव स्वर्णमाला स्तुति ॥ शिव स्वर्णमाला स्तुति॥ अथ कथमपि मद्रसनां त्वद्गुणलेशैर्विशोधयामि भो । साम्ब सदाशिव शंभो शंकर शरणं मे तव चरणयुगम् ॥ १ ॥ आखण्डलमदखण्डनपण्डित तण्डुप्रिय चण्डीश भो । साम्ब सदाशिव शंभो शंकर शरणं मे तव चरणयुगम् ॥ २ ॥ इभचर्माम्बर शम्बररिपुवपुरपहरणोज्ज्वलनयन भो । साम्ब सदाशिव शंभो शंकर शरणं मे तव चरणयुगम् ॥ ३ ॥ ईश गिरीश नरेश परेश महेश बिलेशयभूषण भो । साम्ब सदाशिव शंभो शंकर शरणं मे ...

Tratak Karne Ke Adbhut Fayde aur vidhi

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योग में अपने शरीर और मन को एकाग्र करने के अनेक तरीको का उल्लेख मिलता है जैसे विभिन्न प्रकार के आसन, प्राणायाम,  ध्यान, आदि | 

"त्राटक ध्यान" का वर्णन भी हमे योगिक ग्रंथो में मिलता है जिसका अभ्यास करने से मन को एकाग्र करने में मदद मिलती है और विभिन्न प्रकार की शक्तियां प्राप्त होने लगती है | 

सदियों से लोग इस अभ्यास को करते आ रहे हैं और लाभ उठा रहे हैं |

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Tratak Karne Ke Adbhut Fayde aur vidhi


Tratak Kya Hai?

"त्राटक ध्यान" के अंतर्गत किसी एक बिंदु  पर ध्यान को स्थिर रखने का अभ्यास किया जाता है | इस अभ्यास के सिद्ध होने पर अभ्यासकर्ता के अन्दर अद्भुत शक्तियां प्रकट होने लगती है | 

त्राटक के प्रकार :

ये 2 प्रकार के होते हैं एक तो अन्तः त्राटक और दूसरा बाह्य त्राटक |

  1. अन्तः त्राटक में हम किसी वस्तु को देखके उसे आँख बंद करके हुबहू देखने का प्रयास करते हैं आज्ञा चक्र पर |
  2. बाह्य त्राटक में हम किसी बिंदु या वस्तु पर आँख खोल के ध्यान करते हैं |

आइये जानते हैं त्राटक करने के क्या लाभ मिल सकते हैं ?

इसे अगर सही तरीके से समझकर किसी जानकार के मार्गदर्शन में किया जाए तो ये अनेक लाभ देता है जैसे -

  1. इससे हमारी एकाग्रता बढ़ने लगती  है |
  2. आँखों की रोशनी में सुधार आने लगता है |
  3. मानसिक शक्ति का विकास होने लगता है |
  4. अच्छी नींद आने लगती है |
  5. अतीन्द्रिय शक्ति का विकास होता है |
  6. हमारा अपने आप पर नियंत्रण बढ़ने लगता है जिससे हम दुर्लभ कार्यो को भी कर लेते हैं | 
  7. जिनको अज्ञात भय सताता है उन्हें भी लाभ होता है |
  8. हम अपने आप के प्रति ज्यादा जागरूक हो पाते हैं | 
  9. इस अभ्यास को करने से हम गहरे ध्यान के लिए भी तैयार होते हैं | 

त्राटक कितनी देर किया जाना चाहिए ?

इस अभ्यास को रोज 1 मिनट से शुरू करके समय बढ़ाते रहना चाहिए | जो लोग अपनी एकाग्रता के लिए इसे करना चाहते हैं उन्हें ५ से १० मिनट तक रोज करना चाहिए |

जो लोग आगे ध्यान को बढ़ाना चाहते हैं और सिद्धी चाहते हैं वे अपने गुरु के मार्गदर्शन में काफी देर तक इसका कर सकते हैं | 

त्राटक किन पर कर सकते हैं ?

ये अभ्यास हम अनेक प्रकार से कर सकते हैं जैसे - जलती हुई मोमबत्ती की लौ पर कर सकते हैं, दीपक की लौ पर कर सकते हैं, दिवार पर एक बिंदु बना के उस पर कर सकते हैं, रात्री में इसे किसी तारे या फिर चन्द्रमा पर किया जा सकता है | जो योग में सधे हुए हैं वे तो सूर्य पर भी कर लेते हैं | 

कैसे शुरू कर सकते हैं त्राटक अभ्यास ?

  • इसके लिए सबसे पहले आपको एक शांत स्थान की जरुरत होगी |
  • बिलकुल हलके कपडे पहने जिसमे आप आरामदायक महसूस करते हैं |
  • एक ऊनी आसन लीजिये बैठने के लिए |
  • अपने सामने आप या तो दीवार पर एक बिंदु बना लीजिये या फिर एक मोमबत्ती या दिया जला के रख लीजिये जो ठीक आपके आँखों के सामने होना चाहिए |
  • अभ्यास शुरू करने से पहले कुछ गहरी साँसे लीजिये |
  • अपने रीढ़ की हड्डी को सीधा रखते हुए जलती हुई लौ को या फिर बिंदु को देखना शुरू कीजिये जब तक की आंसू न आ जाए |
  • जैसे ही आंसू आते हैं तो आपको आँखे बंद कर लेनी है | 
  • इस अभ्यास को आप धीरे धीरे बढाते रहिये |

आइये अब जानते हैं की किन बातो का ध्यान रखना है त्राटक में सफलता हेतु ?

  • त्राटक करने के बाद तुरंत उठना नहीं है, आपको आँखे बंद करके ध्यान में बैठना है और आँखों को आराम देना है |
  • उठने से पहले दोनों हथेलियों को रगड़ करके अपनी आँखों पर रखना है|
  • उठने के बाद मुंह में पानी भरके अपनी आँखों को ठन्डे पानी से धो ले थोड़ी देर बाद |
  • ज्यादा तैलीय भोजन और मसाले वाला भोजन न करें |
  • सुपाच्य भोजन करें |
  • गहरी सांस लेने का अभ्यास करें |
  • अगर आप मोमबत्ती या दीपक पर त्राटक करते हैं तो कमरे में हवा का प्रवाह कम हो इस बात का ध्यान रखें |
  • ध्यान को बहुत जल्दी एकाग्र करने के लिए आप अँधेरे कमरे में भी त्राटक कर सकते हैं | 

त्राटक का अभ्यास कब कर सकते हैं ?

ये आप कभी भी कर सकते हैं बस खाने के तुरंत पहले और बाद नहीं करना है, कम से कम 1 से डेढ़ घंटे का अंतराल रखें |

पढ़िए Surya Sadhna kya hai kaise karte hain?

त्राटक का अभ्यास कौन कौन कर सकते हैं ?

ये अभ्यास कोई भी कर सकता है जैसे विद्यार्थी, महिला, पुरुष, बालक, बालिका आदि पर सबको अपनी क्षमता के अनुसार ही समय निर्धारित करना चाहिए |

  • विद्यार्थी अगर त्राटक अभ्यास करने लगे तो पढ़ाई अच्छी कर पायेंगे|
  • जो लोग नौकरी या व्यापार करते हैं वे अगर त्राटक करें तो अपने काम को और बेहतर तरीके से कर पायेंगे |
  • गृहणी अगर इस अभ्यास को शुरू करें तो वे अपने कार्यो में और दक्षता प्राप्त कर सकती हैं | 

तो समय निकाल के त्राटक का अभ्यास जरुर करना चाहिए |

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