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Dwadash Jyotirling Stotram Laghu and Sampurn

Dwadash Jyotirling Stotram Laghu and Sampurn,. द्वादश ज्योतिर्लिंग स्तोत्रम के फायदे, audio of dwadah jyotirling strotram. Dwadash Jyotirling Stotram: शिव "द्वादश ज्योतिर्लिंग स्तोत्रम" का पाठ भगवान शिव की पूजा के लिए किया जाता है | इसमें १२ ज्योतिर्लिंगों के नाम का पाठ किया जाता है जिससे 7 जन्मो के पापों का नाश होता है | शिव भक्तो के लिए ये स्त्रोत्रम वरदान है | हम रोज तो १२ ज्योतिर्लिंग के दर्शन नहीं कर सकते हैं पर उनके नाम रोज लेने से हमे उनके दर्शनों का फल प्राप्त होता है, भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है |  Dwadash Jyotirling Stotram Laghu and Sampurn आइये जानते हैं कैसे पाठ करें द्वादश ज्योतिर्लिंग स्त्रोत्रम का ? प्रातः दैनिक कार्यो से निवृत्त होके आसन पे बैठके भगवान् शिव का ध्यान करते हुए हमे इस दिव्य स्त्रोत का पाठ करना चाहिए | इसी प्रकार संध्या को भी इसका पाठ करना चाहिए | इस ज्योतिर्लिंग स्तोत्र के रचयिता आदि गुरु शंकराचार्य हैं।  Dwadash Jyotirling Stotram Listen on YouTube द्वादश ज्योतिर्लिग स्तोत्र लघु | Dwadash Jyotirling Stotra Laghu सौराष्ट्रे सोमनाथं च...

Dwadash Jyotirling Stotram Laghu and Sampurn

Dwadash Jyotirling Stotram Laghu and Sampurn,. द्वादश ज्योतिर्लिंग स्तोत्रम के फायदे, audio of dwadah jyotirling strotram.

Dwadash Jyotirling Stotram: शिव "द्वादश ज्योतिर्लिंग स्तोत्रम" का पाठ भगवान शिव की पूजा के लिए किया जाता है | इसमें १२ ज्योतिर्लिंगों के नाम का पाठ किया जाता है जिससे 7 जन्मो के पापों का नाश होता है |

शिव भक्तो के लिए ये स्त्रोत्रम वरदान है | हम रोज तो १२ ज्योतिर्लिंग के दर्शन नहीं कर सकते हैं पर उनके नाम रोज लेने से हमे उनके दर्शनों का फल प्राप्त होता है, भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है | 

Dwadash Jyotirling Stotram Laghu and Sampurn,. द्वादश ज्योतिर्लिंग स्तोत्रम के फायदे, audio of dwadah jyotirling strotram.
Dwadash Jyotirling Stotram Laghu and Sampurn

आइये जानते हैं कैसे पाठ करें द्वादश ज्योतिर्लिंग स्त्रोत्रम का ?

प्रातः दैनिक कार्यो से निवृत्त होके आसन पे बैठके भगवान् शिव का ध्यान करते हुए हमे इस दिव्य स्त्रोत का पाठ करना चाहिए | इसी प्रकार संध्या को भी इसका पाठ करना चाहिए |

इस ज्योतिर्लिंग स्तोत्र के रचयिता आदि गुरु शंकराचार्य हैं। Dwadash Jyotirling Stotram

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द्वादश ज्योतिर्लिग स्तोत्र लघु | Dwadash Jyotirling Stotra Laghu

सौराष्ट्रे सोमनाथं च श्रीशैले मल्लिकार्जुनम्‌।

उज्जयिन्यां महाकालम्ॐकारममलेश्वरम् ॥1॥


परल्यां वैजनाथं च डाकियन्यां भीमशंकरम्‌।

सेतुबन्धे तु रामेशं नागेशं दारुकावने ॥2॥


वारणस्यां तु विश्वेशं त्र्यम्बकं गौतमी तटे।

हिमालये तु केदारं घुश्मेशं च शिवालये ॥3॥ Dwadash Jyotirling Stotram


एतानि ज्योतिर्लिंगानि सायं प्रातः पठेन्नरः।

सप्तजन्मकृतं पापं स्मरेण विनश्यति ॥4॥


॥ इति द्वादश ज्योतिर्लिंग स्तुति संपूर्णम्‌ ॥


द्वादश ज्योतिर्लिग स्तोत्र सम्पूर्ण| Dwadash Jyotirling Stotra Sampurn


सौराष्ट्रदेशे विशदेऽतिरम्ये ज्योतिर्मयं चन्द्रकलावतंसम् ।

भक्तिप्रदानाय कृपावतीर्णं तं सोमनाथं शरणं प्रपद्ये ॥1


श्रीशैलशृङ्गे विबुधातिसङ्गे तुलाद्रितुङ्गेऽपि मुदा वसन्तम् ।

तमर्जुनं मल्लिकपूर्वमेकं नमामि संसारसमुद्रसेतुम् ॥2 Dwadash Jyotirling Stotram


अवन्तिकायां विहितावतारं मुक्तिप्रदानाय च सज्जनानाम् ।

अकालमृत्योः परिरक्षणार्थं वन्दे महाकालमहासुरेशम् ॥3


कावेरिकानर्मदयोः पवित्रे समागमे सज्जनतारणाय ।

सदैवमान्धातृपुरे वसन्तमोङ्कारमीशं शिवमेकमीडे ॥4


पूर्वोत्तरे प्रज्वलिकानिधाने सदा वसन्तं गिरिजासमेतम् ।

सुरासुराराधितपादपद्मं श्रीवैद्यनाथं तमहं नमामि ॥5


याम्ये सदङ्गे नगरेऽतिरम्ये विभूषिताङ्गं विविधैश्च भोगैः ।

सद्भक्तिमुक्तिप्रदमीशमेकं श्रीनागनाथं शरणं प्रपद्ये ॥6 Dwadash Jyotirling Stotram


महाद्रिपार्श्वे च तटे रमन्तं सम्पूज्यमानं सततं मुनीन्द्रैः ।

सुरासुरैर्यक्ष महोरगाढ्यैः केदारमीशं शिवमेकमीडे ॥7


सह्याद्रिशीर्षे विमले वसन्तं गोदावरितीरपवित्रदेशे ।

यद्धर्शनात्पातकमाशु नाशं प्रयाति तं त्र्यम्बकमीशमीडे ॥8


सुताम्रपर्णीजलराशियोगे निबध्य सेतुं विशिखैरसंख्यैः ।

श्रीरामचन्द्रेण समर्पितं तं रामेश्वराख्यं नियतं नमामि ॥9


यं डाकिनिशाकिनिकासमाजे निषेव्यमाणं पिशिताशनैश्च ।

सदैव भीमादिपदप्रसिद्दं तं शङ्करं भक्तहितं नमामि ॥10 Dwadash Jyotirling Stotram


सानन्दमानन्दवने वसन्तमानन्दकन्दं हतपापवृन्दम् ।

वाराणसीनाथमनाथनाथं श्रीविश्वनाथं शरणं प्रपद्ये ॥11


इलापुरे रम्यविशालकेऽस्मिन् समुल्लसन्तं च जगद्वरेण्यम् ।

वन्दे महोदारतरस्वभावं घृष्णेश्वराख्यं शरणम् प्रपद्ये ॥12


ज्योतिर्मयद्वादशलिङ्गकानां शिवात्मनां प्रोक्तमिदं क्रमेण ।

स्तोत्रं पठित्वा मनुजोऽतिभक्त्या फलं तदालोक्य निजं भजेच्च ॥13

Dwadash Jyotirling Stotram Laghu and Sampurn,. द्वादश ज्योतिर्लिंग स्तोत्रम के फायदे, audio of dwadah jyotirling strotram.

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