Shree Hari Sharanaashtakam Lyrics with Hindi Meaning, हरी शरानाष्ट्कम के फायदे, जानिए अर्थ हरी शरण अष्टकम के |
Shree Hari Sharanaashtakam Lyrics with Hindi Meaning: श्री हरि शरण अष्टकम में 8 श्लोक हैं और ये श्री परमहंस स्वामी ब्रह्मानन्द जी के द्वारा रचित है | इसमें भगवान का गुणगान करते हुए कहा जाता है की वे ही एकमात्र शरण है इस नश्वर दुनिया में |
सभी प्रकार के चिंता, दुःख, यातनाओं से मुक्ति का एक ही हल है और वो है श्री हरी शरण |
Shree Hari Sharanaashtakam Lyrics with Hindi Meaning |
हरि शरण अष्टकम पाठ के लाभ क्या है :
- इस दिव्य अष्टक का नियमित पाठ करने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है |
- हर प्रकार के पापों से मुक्ति मिलती है |
- जीवन में सुख और सम्पन्नता आती है |
- हर प्रकार की चिंता से मुक्ति मिलती है |
Lyrics of हरि शरण अष्टकम In Sanksrit -Hari Sharan Ashtakam :
ध्येयं वदन्ति शिवमेव हि केचिदन्ये शक्तिं गणेशमपरे तु दिवाकरं वै ।
रूपैस्तु तैरपि विभासि यतस्त्वमेव तस्मात्त्वमेव शरणं मम दीनबन्धो ।।1।।
नो सोदरो न जनको जननी न जाया नैवात्मजो न च कुलं विपुलं बलं वा ।
संदृश्यते न किल कोऽपि सहायको मे। तस्मात्त्वमेव शरणं मम दीनबन्धो ।।2।।
नोपासिता मदमपास्य मया महान्तस्तीर्थानि चास्तिकधिया न हि सेवितानि।
देवार्चनं च विधिवन्न कृतं कदापि। तस्मात्त्वमेव शरणं मम दीनबन्धो ।।3।।Shree Hari Sharanaashtakam Lyrics with Hindi Meaning
दुर्वासना मम सदा परिकर्षयन्ति चित्तं शरीरमपि रोगगणा दहन्ति।
संजीवनं च परहस्तगतं सदैव। तस्मात्त्वमेव शरणं मम दीनबन्धो ।।4।।
पूर्वं कृतानि दुरितानि मया तु यानि स्मृत्वाखिलानि ह्रदयं परिकम्पते मे।
ख्याता च ते पतितपावनता तु यस्मात् । तस्मात्त्वमेव शरणं मम दीनबन्धो ।।5।।
दुखं जराजननजं विविधाश्च रोगा: काकश्वसूकरजनिर्निरय च पात: ।
ते विस्मृते: फलमिदं विततं हि लोके । तस्मात्त्वमेव शरणं मम दीनबन्धो ।।6।। Shree Hari Sharanaashtakam Lyrics with Hindi Meaning
नीचोऽपि पापवलितोऽपि विनिन्दितोऽपि ब्रूयात्तवाहमिति यस्तु किलैकवारम् ।
तं यच्छसीश निजलोकमिति व्रतं ते । तस्मात्त्वमेव शरणं मम दीनबन्धो ।।7।।
वेदेषु धर्मवचनेषु तथागमेषु रामायणेऽपि च पुराणकदम्बके वा ।
सर्वत्र सर्वविधिना गदितस्त्वमेव । तस्मात्त्वमेव शरणं मम दीनबन्धो ।।8।।
|| इति श्री परमहंस स्वामी ब्रह्मानन्द विरचितम् श्री हरि शरणाष्टकम सपूर्णम् ||
Meaning Shree Hari Sharanaashtakam in Hindi:
कुछ लोग कहते हैं भगवान शिव की पूजा करो, कुछ लोग कहते हैं देवी शक्ति की पूजा करो, कुछ लोग कहते हैं भगवान गणेश की पूजा करो और कुछ लोग कहते हैं कि सूर्य देव की पूजा करो लेकिन मुझे पता है कि उन भिन्न-भिन्न रूपों में आप ही हो और इसलिए हे दीन बंधू मै तो सिर्फ आपके ही शरणागत हूँ |
न भाई, न पिता, न माता, न पत्नी, न बेटा, न परिवार, न हमारी महान शक्ति, जरूरत के समय काम आएगी, और इसलिए हे दीन बंधू मै तो सिर्फ आपके ही शरणागत हूँ | Shree Hari Sharanaashtakam Lyrics with Hindi Meaning
न तो मैंने कभी महान संतो की सेवा की है, न ही तीर्थ जल का सेवन किया है और न ही मैंने विधि विधान से देवताओं की पूजा की है और इसलिए है दीनबंधु आप ही मेरे एकमात्र शरण हैं |
बुरे विचार हमेशा मेरे मन को खींचते हैं, रोगों के समूह हमेशा शारीर को जलाते रहते हैं और यहाँ तक कि मेरी जीवन शैली भी दूसरों के नियंत्रण में है, और इसलिए है दीनबंधु आप ही मेरे एकमात्र शरण हैं |
Shree Krishn Ashtkam Lyrics with Meaning
मैंने जो पाप पहले किये थे उनकी याद से मेरा हृदय दुखता रहता है और काँप उठता है, और आप पापों को क्षमा करने वाले के रूप में प्रसिद्ध हैं, और इसलिए है दीनबंधु आप ही मेरे एकमात्र शरण हैं |
आपको भूलने से वृद्धावस्था में दुःख, जन्म लेना, विभिन्न रोग, कौआ, कुत्ता और सुअर आदि यानि में जन्म होता है और इसलिए है दीनबंधु आप ही मेरे एकमात्र शरण हैं | Shree Hari Sharanaashtakam Lyrics with Hindi Meaning
यहां तक कि जो लोग बहुत बुरे हैं, पाप से दूषित हैं या जिन पर दोष पाया गया है सभी, अगर वे एक बार कह दें कि “मैं आपका हूँ”
उन लोगों को आप अपना धाम देते हैं, और इसलिए है दीनबंधु आप ही मेरे एकमात्र शरण हैं |
वेदों, धर्म शाश्त्रो, रामायण में, महाकाव्यों में आपका ही गुणगान किया गया है और इसलिए है दीनबंधु आप ही मेरे एकमात्र शरण हैं |
इस प्रकार महान ऋषि ब्रह्मानन्द द्वारा रचित हरि शरणागति अष्टक समाप्त होता है।
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