Skip to main content

Latest Astrology Updates in Hindi

Shiv Suvarnmala Stuti Lyrics With Hindi Meaning

Shiv Suvarnmala Stuti Lyrics With Hindi Meaning, शिव स्वर्णमाला स्तुति अर्थ सहित, शंकराचार्य जी द्वारा रचित शिव स्तुति.  आदिगुरु शंकराचार्य जी ने शिव स्वर्णमाला स्तुति की रचना की है जिसमे भगवान शंकर की आराधना की है. इसके पाठ से भगवान शिव की कृपा से हमारा जीवन सफल हो सकता है.  Shiva Suvarnamala Stuti में भगवान शिव की महिमा का गान है. जो लोग भौतिक के साथ अध्यात्मिक सफलता चाहते हैं उनके लिए ये अति महत्त्वपूर्ण है, इसके पाठ से सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है.  Shiv Suvarnmala Stuti Lyrics With Hindi Meaning सुनिए YouTube में  Shiva Suvarnamala Stuti Lyrics – शिव स्वर्णमाला स्तुति ॥ शिव स्वर्णमाला स्तुति॥ अथ कथमपि मद्रसनां त्वद्गुणलेशैर्विशोधयामि भो । साम्ब सदाशिव शंभो शंकर शरणं मे तव चरणयुगम् ॥ १ ॥ आखण्डलमदखण्डनपण्डित तण्डुप्रिय चण्डीश भो । साम्ब सदाशिव शंभो शंकर शरणं मे तव चरणयुगम् ॥ २ ॥ इभचर्माम्बर शम्बररिपुवपुरपहरणोज्ज्वलनयन भो । साम्ब सदाशिव शंभो शंकर शरणं मे तव चरणयुगम् ॥ ३ ॥ ईश गिरीश नरेश परेश महेश बिलेशयभूषण भो । साम्ब सदाशिव शंभो शंकर शरणं मे ...

Surya Aur Mangal Ka Shadashtak Yoga Ka Prabhav

surya aur mangal me bana hua hai shadashtak yog, kya hota hai shadashtak yog, षडाष्टक योग से किन राशियों को विशेष सावधान रहने की जरुरत है ?.

Surya Aur Mangal Ka Shadashtak Yoga Ka Prabhav: २१ जनवरी को मंगल अपना राशि परिवर्तन कर चुके हैं जिससे गोचर कुंडली में इस समय 1 खतरनाक योग बना हुआ है जिसे "षडाष्टक योग" के नाम से जानते हैं | ये योग काफी खतरनाक होता है और लोगो के जीवन में, वातावरण में बहुत से हानिकारिक परिवर्तन के लिए जिम्मेदार होता है | 

surya aur mangal me bana hua hai shadashtak yog, kya hota hai shadashtak yog, षडाष्टक योग से किन राशियों को विशेष सावधान रहने की जरुरत है ?, kundli
Surya Aur Mangal Ka Shadashtak Yoga Ka Prabhav


क्या होता है षडाष्टक योग?

जब भी कुंडली में 2 ग्रह एक दूसरे से छठे और आठवें भाव में बैठ जाते हैं तो षडाष्टक योग का निर्माण होता है | वैदिक ज्योतिष के अनुसार कुंडली का छठा भाव रोग, शत्रु, दुःख, ऋण, चिंता आदि से जुड़ा है और कुंडली का आठवां भाव स्वास्थ्य,  आयु, दुर्भाग्य,  कष्ट, संकट, आकस्मिक घटना  आदि से जुड़ा है अतः जब 2 ग्रह षडाष्टक योग बनाते हैं तो अजीबोगरीब घटनाएं होने लगती है | Surya Aur Mangal Ka Shadashtak Yoga Ka Prabhav

Listen On YouTube

आइये अब जानते हैं की किन लोगो को विशेष सावधानी रखना होगी सूर्य और मंगल के षडाष्टक योग के कारण ?

  1. पहली राशि है मिथुन क्यूंकि आपके लग्न से अष्टम भाव पर सूर्य बैठे हैं जिससे दुर्घटनाएं हो सकती हैं, आकस्मिक रुप से स्वास्थ्य बिगड़ सकता है, जीवनसाथी के साथ तनाव उत्पन्न हो सकता है | गलत संगती के कारण परेशान होना पड़ सकता है | आपको चाहिए की आप हनुमानजी की पूजा करे, सूर्य को नियमित रूप से अर्ध्य दे, किसी की गवाही न दें और कर्ज लेने से बचें |
  2. दूसरी राशि है मकर क्यूंकि आपके लग्न से छठे भाव में मंगल शत्रु राशि में बैठे हैं जिससे अनैतिक कार्यो से आपको नुकसान हो सकता है, कानूनी कार्यो में फंस सकते हैं, माता के स्वास्थ्य को लेके चिंता हो सकती है, वाहन और संपत्ति के ऊपर धन खर्च हो सकता है, गुप्त शत्रुओ से कार्यो में अड़चने आ सकती है, कामकाज में बदलाव हो सकता है, अधिकारियो से सम्बन्ध बिगड़ सकते हैं  | सूर्य को नियमित रूप से जल में थोडा गुड़ डालके अर्ध्य दीजिये | Surya Aur Mangal Ka Shadashtak Yoga Ka Prabhav
  3. तीसरी राशि है कर्क, आपको भी विशेष सावधानी रखना होगी, यात्राओं में अधिक खर्च हो सकता है, जीवनसाथी के साथ संबंधो में खटास आ सकती है, संतान के ऊपर अधिक खर्च हो सकता है, अनावश्यक जिम्मेदारियों के कारण तनाव में रह सकते हैं | आपको इस समय गुड़ बाँटना चाहिए और बुजुर्गो का आशीर्वाद नियमित रूप से लीजिये |
  4. चौथी राशि है कुम्भ, आपको अब बहुत ध्यान रखते हुए निर्णय लेने चाहिए अन्यथा वित्तीय हानि हो सकती है, अगर शेयर बाजार में काम करते हैं तो उत्तेजित होके कोई निर्णय मत लीजिये | प्रेमियों के बीच मनमुटाव हो सकता है|  शुभता के लिए ताम्बे के लौटे में गुड़ भर के दान कर सकते हैं | 

अतः इस समय यात्रा करते समय, महत्त्वपूर्ण निर्णय लेते समय, वाहन चलाते समय विशेष ध्यान रखना है सभी को | 

surya aur mangal me bana hua hai shadashtak yog, kya hota hai shadashtak yog, Impacts Of Shadashtak Yoga Between Sun and Mars, षडाष्टक योग से किन राशियों को विशेष सावधान रहने की जरुरत है ?.

Comments

Popular posts from this blog

Kuldevi Strotram Lyrics

Kuldevi Strotram Lyrics, कुलदेवी स्त्रोत्रम पाठ के फायदे, कुलदेवी का आशीर्वाद कैसे प्राप्त करें, कुलदेवी को प्रसन्न करने का शक्तिशाली उपाय | हिन्दुओं में कुलदेवी या कुलदेवता किसी भी परिवार के मुख्य देवी या देवता के रूप में पूजे जाते हैं और ये उस परिवार के मुख्य रक्षक भी होते हैं | किसी भी विशेष कार्य को करने से पहले कुलदेवी या कुलदेवता को पूजने की मान्यता है |  आज के समय में बहुत से परिवारों को उनके कुलदेवी या कुलदेवता का पता नहीं होता है अतः ऐसे में चिंता की बात नहीं है| कुलदेवी स्त्रोत्रम का पाठ करके और सुनके हम अपने कुलदेवी की कृपा प्राप्त कर सकते हैं |  Kuldevi Strotram Lyrics सुनिए YouTube में कुलदेवी स्त्रोत्रम  Lyrics of Kuldevi Strotram:  ॐ नमस्ते श्री  शिवाय  कुलाराध्या कुलेश्वरी।   कुलसंरक्षणी माता कौलिक ज्ञान प्रकाशीनी।।1   वन्दे श्री कुल पूज्या त्वाम् कुलाम्बा कुलरक्षिणी।   वेदमाता जगन्माता लोक माता हितैषिणी।।2   आदि शक्ति समुद्भूता त्वया ही कुल स्वामिनी।   विश्ववंद्यां महाघोरां त्राहिमाम् शरणागत:।।3   त्रैलोक...

Mahakal Kawacham || महाकाल कवच

महाकाल कवच के बोल, महाकाल कवचम के क्या फायदे हैं। Mahakal Kavacham || Mahakaal Kavach || महाकाल कवच || इस लेख में अति गोपनीय, दुर्लभ, शक्तिशाली कवच के बारे में बता रहे हैं जिसे की विश्वमंगल कवच भी कहते हैं। कवच शब्द का शाब्दिक अर्थ है सुरक्षा करने वाला | जिस प्रकार एक योद्धा युद्ध में जाने से पहले ढाल या कवच धारण करता है, उसी प्रकार रोज हमारे जीवन में नकारात्मक्क शक्तियों से सुरक्षा के लिए महाकाल कवच ढाल बना देता है | जब भी कवच का पाठ किया जाता है तो देविक शक्ति दिन भर हमारी रक्षा करती है |  कवच के पाठ करने वाले को अनैतिक कार्यो से बचना चाहिए, मांसाहार नहीं करना चाहिए, किसी भी प्रकार की हिंसा नहीं करना चाहिए | Mahakal Kavach का विवरण रुद्रयामल तंत्र में दिया गया है और ये अमोघ रक्षा कवच है | Mahakal Kawacham || महाकाल कवच  किसी भी प्रकार के रोग, शोक, परेशानी आदि से छुटकारा दिला सकता है महाकाल कवच का पाठ | इस शक्तिशाली कवच के पाठ से हम बुरी शक्तीयो से बच सकते हैं, भूत बाधा, प्रेत बाधा आदि से बच सकते हैं | बच्चे, बूढ़े, जवान सभी के लिए ये एक बहुत ही फायदेमंद है | बाबा महाकाल ...

Bank Account kab khole jyotish anusar

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बैंक खाता कब खोलें, बैंक खाता खोलने के लिए सबसे अच्छा दिन चुनकर सौभाग्य कैसे बढ़ाएं,  when to open bank account as per astrology ,  ज्योतिष के अनुसार बैंक खाता खोलने का शुभ दिन, नक्षत्र और समय, ज्योतिष के अनुसार बचत कैसे बढ़ाएं? बैंक खाता खोलने का निर्णय एक बहुत ही महत्वपूर्ण निर्णय है और इसलिए इसे खोलने के लिए सबसे अच्छा दिन, सर्वश्रेष्ठ नक्षत्र, सर्वश्रेष्ठ महुरत चुनना अच्छा होता है । शुभ समय पर खोला गया बैंक खाता व्यक्ति को आसानी से संपन्न बना देता है |  बिना प्रयास के सफलता नहीं मिलती है अतः अगर हमे सफल होना है ,धनाढ्य बनना है, अमीर बनना है तो हमे सभी तरफ से प्रयास करना होगा, हमे स्मार्ट तरीके से काम करना होगा |  प्रत्येक व्यवसाय या कार्य में बैंक खाता आवश्यक है। चाहे आप एक कर्मचारी या उद्यमी हों चाहे आप एक व्यवसायी हों या एक गैर-कामकाजी व्यक्ति, बैंक खाता आमतौर पर हर एक के पास होता है। बैंक खाता हर एक के लिए बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि हम इस पर अपनी बचत रखते हैं, यह इसीलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि प्रत्येक लेनदेन बैंक खाते के माध्यम...