विष्णोरष्टाविंशतिनामस्तोत्रम् , Vishnu Stotra १ करोड़ गौ दान, १०० अश्वमेध यज्ञ, १००० कन्यादान का फल, Vishnu ji ke 28 Names.
अर्जुन ने महामयावी श्री कृष्ण से पूछा की मनुष्य आपके १००० नामों का जप कब तक करेंगे । आप मुझे अपने दिव्य नाम बताएं जिसके जाप से मनुष्य को असंख्य फल प्राप्त हो सके।
तब श्री कृष्ण ने अर्जुन को अपने 28 दिव्य नाम बताये जिसके जाप से कोई भी पापों से मुक्त हो सकता है, इन 28 नामो का जप रोज करने से व्यक्ति को एक करोड़ गौ दान, सौ अश्वमेध यज्ञ और एक हजार कन्यादान का फल प्राप्त होता है।
अतः रोज इस स्त्रोत का पाठ करना चाहिए और जो रोज नहीं कर सकते हैं वे एकादशी, पूर्णिमा और अमावस्या को तो कर ही सकते हैं |
Vishnurashtavinshatinam Strotram विष्णोरष्टाविंशतिनामस्तोत्रम् |
आइये पाठ करते हैं दिव्य और भक्तिप्रदान करने वाले विष्णोरष्टाविंशतिनामस्तोत्रम् का :
अर्जुन उवाच
किं नु नाम सहस्राणि जपते च पुनः पुनः
यानि नामानि दिव्यानि तानि चाचक्ष्व केशव
श्रीभगवानुवाच
मत्स्यं कूर्मं वराहं च वामनं च जनार्दनम्
गोविन्दं पुण्डरीकाक्षं माधवं मधुसूदनम् ।।
पद्मनाभं सहस्राक्षं वनमालिं हलायुधम्
गोवर्धनं हृषीकेशं वैकुण्ठं पुरुषोत्तमम् ।।
विश्वरूपं वासुदेवं रामं नारायणं हरिम्
दामोदरं श्रीधरं च वेदांगं गरुड़ध्वजम् ।।
अनन्तं कृष्णगोपालं जपतो नास्ति पातकम्
गवां कोटिप्रदानस्य अश्वमेधशतस्य च ।।
कन्यादानसहस्राणां फलं प्राप्नोति मानवः
अमायां वा पौर्णमास्यामेकादश्यां तथैव च ।।
सन्ध्याकाले स्मरेन्नित्यं प्रातःकाले तथैव च
मध्याह्ने च जपन्नित्यं सर्वपापैः प्रमुच्यते ।।
|| इति श्रीकृष्णार्जुनसंवादे श्रीविष्णोरष्टाविंशतिनामस्तोत्रं सम्पूर्णम् ||
विष्णोरष्टाविंशतिनामस्तोत्रम् , Vishnu Stotra १ करोड़ गौ दान, १०० अश्वमेध यज्ञ, १००० कन्यादान का फल, Vishnu ji ke 28 Names.
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