Shiv Suvarnmala Stuti Lyrics With Hindi Meaning, शिव स्वर्णमाला स्तुति अर्थ सहित, शंकराचार्य जी द्वारा रचित शिव स्तुति. आदिगुरु शंकराचार्य जी ने शिव स्वर्णमाला स्तुति की रचना की है जिसमे भगवान शंकर की आराधना की है. इसके पाठ से भगवान शिव की कृपा से हमारा जीवन सफल हो सकता है. Shiva Suvarnamala Stuti में भगवान शिव की महिमा का गान है. जो लोग भौतिक के साथ अध्यात्मिक सफलता चाहते हैं उनके लिए ये अति महत्त्वपूर्ण है, इसके पाठ से सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है. Shiv Suvarnmala Stuti Lyrics With Hindi Meaning सुनिए YouTube में Shiva Suvarnamala Stuti Lyrics – शिव स्वर्णमाला स्तुति ॥ शिव स्वर्णमाला स्तुति॥ अथ कथमपि मद्रसनां त्वद्गुणलेशैर्विशोधयामि भो । साम्ब सदाशिव शंभो शंकर शरणं मे तव चरणयुगम् ॥ १ ॥ आखण्डलमदखण्डनपण्डित तण्डुप्रिय चण्डीश भो । साम्ब सदाशिव शंभो शंकर शरणं मे तव चरणयुगम् ॥ २ ॥ इभचर्माम्बर शम्बररिपुवपुरपहरणोज्ज्वलनयन भो । साम्ब सदाशिव शंभो शंकर शरणं मे तव चरणयुगम् ॥ ३ ॥ ईश गिरीश नरेश परेश महेश बिलेशयभूषण भो । साम्ब सदाशिव शंभो शंकर शरणं मे ...
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Yam strotram is one of the best way to attract blessings of lord yamraj. On the day of Narak chaturdashi it is good to recite this stroram to make life free from unseen hurdles. In the evening of Narak chaturdashi, after offering Deepak, it is good to recite this powerful and divine Yam strotram.![]() |
What is yam strotram |
यम स्तोत्रम भगवान यमराज के आशीर्वाद को आकर्षित करने के सर्वोत्तम तरीकों में से एक है। नरक चतुर्दशी के दिन जीवन को अदृश्य बाधाओं से मुक्त करने के लिए इस स्तोत्र का पाठ करना शुभ होता है।
नरक चतुर्दशी की शाम को दीपक अर्पित करने के बाद इस शक्तिशाली और दिव्य यम स्तोत्र का पाठ करना अच्छा होता है।
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Lyrics of Yam Strot
ॐ यमाय नमः
ऋषिपुत्र उवाच
त्वं धाता च विधाता च श्राद्धे चैव हि दृश्यसे |
पितृणां परमो देवः चतुष्पाद नमोऽस्तु ते ||
कालज्ञश्च कृतज्ञश्च सत्यवादी दृढव्रतः |
प्रेतनाथ महाभाग धर्मराज नमोऽस्तु ते ||
कर्ता कारयिता चैव भूतभव्यभवत् प्रभो |
पावको मोहनश्चैव संक्षेपो विस्तरस्तथा |
दंडपाणे विरुपाक्ष पाशहस्त नमोऽस्तु ते ||
आदित्यसदृशाकार सर्वजीवहर प्रभो |
कृष्णवर्ण दुराधर्ष तैलरुप नमोऽस्तु ते ||
मार्तण्ड सदृश श्रीमान् मार्तण्डसम तेजसा |
हव्यकव्यवहः त्वं हि प्रभविष्णो नमोऽस्तु ते ||
पापहन्ता व्रती श्राद्धी नित्ययुक्तो महातपाः |
एकदृग् बहुदृग् भूत्वा काल मृत्यो नमोऽस्तु ते ||
क्वचित् दण्डी क्वचित् मुंडी क्वचित् कालो दुरासदः |
क्वचित् बालः क्वचित् वृद्धः क्वचित् रौद्र नमोऽस्तु ते ||
त्वया विराजितो लोकः शासता धर्महेतुना |
प्रत्यक्षं दृश्यते देव त्वद्विना न च सिद्धयति ||
देवानां परमं दैवं तपसां परमं तपः |
जपानां परमं जप्यं त्वत्तः चान्यो न दृश्यते ||
ऋषयो वा तथा क्रुद्धा हतबन्धु सुहृज्जनाः |
पतिव्रतास्तु या नार्यो दुःखिताः तपसि स्थिताः |
नत्वा शक्ता इह स्थानात् पातनाय कदाचन ||
तस्मात् त्वं सर्वदेवेषु एको धर्मभृतां वरः |
कृतज्ञः सत्यवादी च सर्वभूतहिते रतः ||
|| श्री वराह पूराणे यम स्त्रोत्रम सम्पूर्णं ||
यम स्तोत्रम भगवान यमराज के आशीर्वाद को आकर्षित करने के सर्वोत्तम तरीकों में से एक है। नरक चतुर्दशी के दिन जीवन को अदृश्य बाधाओं से मुक्त करने के लिए इस स्तोत्र का पाठ करना शुभ होता है।
नरक चतुर्दशी की शाम को दीपक अर्पित करने के बाद इस शक्तिशाली और दिव्य यम स्तोत्र का पाठ करना अच्छा होता है।
Yam strotram is one of the best way to attract blessings of lord yamraj. On the day of Narak chaturdashi it is good to recite this stroram to make life free from unseen hurdles.
In the evening of Narak chaturdashi, after offering Deepak, it is good to recite this powerful and divine Yam strotram.
What is yam strotram, यम स्तोत्रम् , Yam Stotram lyrics and recitation, how to please god of death, way to save from premature death.
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