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Latest Astrology Updates in Hindi

Mangal ka mithun raashi mai gochar ka rashifal

Mangal ka mithun rashi mai gochar,  मंगल का मिथुन राशि में गोचर का राशिफल, जानिए 2025 में मंगल कब मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे ?, जानिए लव राशिफल | Mangal Ka Gochar Mithun Rashi Mein 2025:  21 January, मंगलवार को सुबह में लगभग 8:03 बजे मंगल वृषभ राशि से निकल के मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे जो की मंगल की शत्रु राशि है अतः बहुत से लोगो को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है | वैदिक ज्योतिष के अनुसार मंगल ग्रह साहस,ऊर्जा, भूमि, शक्ति, भाई, पराक्रम, शौर्य, युद्ध, क्रोध  आदि का कारक होता है।  अगर कुंडली में मंगल शुभ हो तो ऐसे में जातक को साहसी बनता है, निडर बनता है, भूमि लाभ देता है, रोमांटिक भी बनाता है | अशुभ मंगल के कारण अनेक प्रकार की समस्याओं से जातक को गुजरना पड़ता है |   Mangal Ka Gochar Mithun Rashi Mein 2025 Mangal ka mithun raashi mai gochar ka rashifal Read in english when will mars transit in gemini in 2025 आइये जानते हैं की मंगल के मिथुन राशि में गोचर से 12 राशि वालो के जीवन में क्या बदलाव होंगे ? मेष राशिफल : 21 January 2025 ...

Astavakra Kaun Hain

अष्टावक्र कौन थे, जानिए उनसे जुडी 3 कथाएं, जानिए अष्टावक्र गीता की रचना कैसे हुई, Ashtavakra kaun the.  अष्टावक्र एक ऐसे ज्ञानी पुरुष थे जिनका नाम आध्यात्मिक जगत में बड़े सम्मान के साथ लिया जाता है | आमतौर पर अष्टावक्र के जीवन के बारे में तीन कथाएं प्रचलित हैं जिनसे पता चलता है कि वह ज्ञानियों में शिरोमणि है| इन्हें गर्भ में ही आत्मज्ञान हो गया था | Astavakra Kaun Hain आइये जानते हैं 3 अद्भुत घटनाएं जो ashtavakra जी की महानता को प्रमाणित करते हैं : 1.पहली कथा - जब यह गर्भ में थे उस समय उनके पिता एक दिन वेद पाठ कर रहे थे तो इन्होंने गर्भ से ही अपने पिता को टोक दिया कि रुको यह सब बकवास है शास्त्रों में ज्ञान कहाँ,  ज्ञान तो स्वयं के भीतर है सत्य शास्त्रों में नहीं स्वयं में है शास्त्र तो शब्दों का संग्रह मात्र है यह सुनते ही उनके पिता श्री को अहंकार जाग उठा वे आत्मज्ञानी तो थे नहीं शास्त्रों के मात्र ज्ञाता थे और जिन्हें शास्त्रों का ज्ञान होता है उनमें इस जानकारी का अहंकार होता है इसी अहंकार के कारण व आत्म ज्ञान से वंचित रहते हैं |उन्हीं का वह पुत्र उन्हें उपदेश दे रह...

Narak Chaturdashi ki katha in hindi

दिवाली से एक दिन पहले नरक चौदस क्यों मनाते हैं, नरक चौदस की कहानी, जानिए Narak Chaudas Ki katha | Diwali पर देखा जाए तो 5 पर्व एक साथ आते हैं पहला धनतेरस, दूसरा नरक चौदस, तीसरा दिवाली, चौथा गोवर्धन पूजा और पांचवा है भाईदोज |  इस लेख में हम जानेंगे की दिवाली के एक दिन पहले नरक चौदस क्यों मनाई जाती है, क्या मान्यता है इसके पीछे | Narak Chaturdashi ki katha in hindi Narak chaudas katha : ऐसी मान्यता है की नरक चतुर्दशी को दीप दान करने से अकाल मृत्यु से बचाव होता है और पापो से मुक्ति मिलती है साथ ही सौभाग्य की प्राप्ति होती है |  Narak chaudas को छोटी दीपावली भी कहा जाता है और इस दिन शाम को यमराज के नाम से दीपदान किया जाता है |  Read Narak chaturdashi story in english आइये जानते हैं पौराणिक कथायें और मान्यताएं नरक चौदस को लेके : पहली मान्यता ये है की कार्तिक मास के चौदस को श्री कृष्ण से नरकासुर नाम के अत्याचारी और दुराचारी असुर का वध किया था और सोलह हजार एक सौ कन्याओं को नरकासुर के बंदी गृह से मुक्त कर उन्हें सम्मान प्रदान किया था।  Narak chaudas को लेके दूसरी मान्य...