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Latest Astrology Updates in Hindi

Kartik Poornima Ka Mahattw In Hindi

Kartik Poornima 2024,  जानिए कार्तिक पूर्णिमा का महत्त्व, क्या करे कार्तिक पूनम को सफलता के लिए, कैसे प्राप्त करे स्वास्थ्य और सम्पन्नता, poornima ka 12 rashiyo par prabhav. 2024 में 15 नवम्बर 2024 शुक्रवार को है कार्तिक पूर्णिमा | Poornima Tithi 15 तारीख को सुबह लगभग 6:20 बजे से शुरू होगी और १६ तारीख को तडके लगभग 2:58 बजे तक रहेगी | कार्तिक पक्ष की पूर्णिमा एक बहुत ही महत्त्वपूर्ण दिन है जब हम स्वास्थ्य और सम्पन्नता के लिए पूजा पाठ कर सकते हैं. इस पवित्र दिन में भक्त भगवान् विष्णु और माता तुलसी का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं और अपने जीवन को सफल बना सकते हैं. इस दिन लोग पवित्र नदियों में स्नान करते हैं और घाटो पर पूजा-पाठ करते हैं. Kartik Poornima Ka Mahattw In Hindi कार्तिक पूर्णिमा को लोग बहुत अलग अलग तरह के विधि विधान करते दीखते हैं जिससे की जीवन को निष्कंटक बनाया जा सके. कुछ लोग तुलसी और शालिग्राम का विवाह करते हैं. भक्तगण नदी तटो पर दीप दान भी करते हैं. ऐसी मान्यता है की कार्तिक पूनम की शाम को दीप दान करने वाले को अश्वमेघ यज्ञ का पुण्य प्राप्त होता है. इस पव

Makar Sankaranti Ka Mahattwa in Hindi

Makar Sankaranti Kab hai  2024 mai aur kya hai Mahattwa in Hindi, मकर संक्रांति का महत्त्व, क्या करे सफलता के लिए मकर संक्रांति को, सफलता के लिए ज्योतिषीय उपाय जानिए, पढ़िए सूर्य का मकर राशी में प्रवेश करने का राशिफल . मकर संक्रांति का त्यौहार पूरे भारत में बहुत ही उत्साह से मनाया जाता है, भारत वर्ष में मनाये जाने वाले उत्सवों में ये भी एक बड़ा उत्सव है. इस दिन बच्चे, बूढ़े, जवान, महिलाए आदि सभी लोग पतंग उड़ाना पसंद करते हैं. पुरे दिन लोग अपने परिवार वालो के साथ छत पर बिताते हैं या फिर मैदान मे, लोग तिल के लड्डू भी बनाते हैं और एक दूसरे को बाटते हैं. Makar Sankaranti Kab hai 2024 ये महत्त्वपूर्ण त्यौहार अलग अलग रूप में भारत वर्ष में मनाया जाता है जैसे की तमिल नाडू मे इसे पोंगल के नाम से मनाते हैं, आसाम में इसे बिहू के नाम से मनाते हैं, पंजाब और हरयाणा में इसे लोहरी के रूप में मनाते हैं.  आइये जानते हैं 2024 में कब है Makar Sankranti?– इस साल सूर्य 15 तारीख को रात्री में लगभग 2:31 मिनट पे मकर राशि में प्रवेश करेंगे जिसके कारण मकर संक्रांति का पर्व 15 जनवरी २०२४, सोमवार  को म

Simha Sankranti Ka Mahattw

सिंह संक्रांति 2022 का महत्त्व , क्या होता है सिंह संक्रांति, क्या बदलाव होता है ज्योतिष के हिसाब से सूर्य के सिंह राशी में गोचर का | Simha Sankranti Ka Mahattw 17 august, 2022, बुधवार को है सिंह संक्रांति  जब सूर्य कर्क राशि से सिंह राशि में प्रवेश करता है तो वो समय सिंह संक्रांति कहलाता है. वैदिक ज्योतिष के हिसाब से सिंह संक्रांति सकारात्मक उर्जा को बढ़ाता है क्यूंकि सूर्य सिंह राशि में ताकतवर हो जाता है. जिनके कुंडली में सूर्य सिंह राशि को हो उनके लिए तो बहुत ही अच्छा समय शुरू हो जाता है.  अलग अलग जगहों में सिंह संक्रांति से विशेष महिना शुरू होता है जैसे – मलयालम केलिन्डर के हिसाब से चिंगा महिना शुरू हो जाता है.  तमिल केलिन्डर के हिसाब से अवनि महिना शुरू हो जाता है.  बंगाली केलिन्डर के हिसाब से भद्रा महिना शुरू हो जाता है.  सिंह संक्रांति का महत्त्व : दक्षिण भारत में मान्यता के अनुसार इस दिन भगवान् विष्णु के अवतार नरसिंह भगवान् की पूजा होती है विष्णु जी के साथ.  नारियल पानी से विशेष अभिषेक होता है जिसे पवित्र माना जाता है.  मंगलौर शहर के कुलई में लोग विष्णु मंद

Vrishabh Sankranti Ka Jyotish Mahattw

Vrishabh sankranti ka jyotish mahttwa, ज्योतिष के अनुसार वृष संक्रांति का महत्व, ज्योतिषी द्वारा वृषभ संक्रांति की भविष्यवाणी, सूर्य के वृषभ राशि में प्रवेश करने पर क्या होता है। Vrishabh Sankranti Ka Jyotish Mahattw हर संक्रांति हिंदू ज्योतिष परंपरा के अनुसार पुण्य संचय करने के दृष्टिकोण से बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह दिन दान और प्रार्थना करने के लिए एक पवित्र दिन के रूप में लिया जाता है। वृषभ संक्रांति क्या है? जब ग्रह सूर्य वृषभ राशि में प्रवेश करते हैं तो इस अवधि को वृष संक्रांति कहते हैं। ज्योतिष और हिन्दू धर्म के अनुसार 12 संक्रांति हैं और ये सभी दान करने, जरूरतमंदों की मदद करने, प्रार्थना, आध्यात्मिक अभ्यास आदि करने के लिए बहुत अच्छे माने जाते हैं । हिंदू पंचांग के अनुसार वृषभ संक्रांति ज्येष्ठ महीने में पड़ता है। वृषभ संक्रांति भी मौसम के बदलाव का भी प्रतिनिधित्व करती है। वृषभ का अर्थ है बैल और इसलिए यह माना जाता है कि इस दिन भगवान शिव की पूजा करना अच्छा होता है और कुछ लोग पुण्य लाभ पाने के लिए इस दिन गाय दान करने का भी सुझाव देते हैं। सफलता के लिए वृष

Dhanu Sankranti Ka Mahattw

धनु संक्रांति का महत्त्व, क्या करे जब सूर्य धनु राशी में रहे, धनु राशी में सूर्य की शक्ति को जानिए. जब सूर्य धनु राशी में प्रवेश करता है तो उस काल को धनु संक्रांति काल कहते हैं. ये काल बहुत ही महत्त्व रखता है भारतीय ज्योतिष के अनुसार, ऐसी मान्यता है की जब भी सूर्य गुरु के किसी राशी में प्रवेश करेगा तो मल मॉस या खर मास शुरू हो जाता है. Dhanu Sankranti Ka Mahattw हर साल में २ महीने खर मास या मल मास होता है क्यूंकि सूर्य धनु या फिर मीन राशि में प्रवेश करता है हर साल, अतः देखा जाए तो साल में ६० दिन मल मास के होते हैं. जब सूर्य धनु राशि में प्रवेश करता है तो उस मास को धनुर्मास भी कहते हैं, मल मास भी कहते हैं, खर मास भी कहते हैं. आइये जानते हैं की धनुर्मास में क्या – क्या काम वर्जित है ? धनु संक्रांति के बाद एक महीने तक अनेक शुभ कार्य वर्जित माने जाते हैं जैसे- इस समय विवाह वर्जित होता है. धनुर्मास में यज्ञोपवित वर्जित है. मुंडन कार्य भी वर्जित होता है गृह आरंभ और गृह प्रवेश भी वर्जित होता है. देवी देवता के प्राण प्रतिष्ठा के कार्य भी वर्जित माना जाता है. आइये अब जा

Tula Sankranti ka Mahattw Hindi Jyotish Anusar

तुला संक्रांति 2020 का महत्व, समृद्धि के लिए इस दिन क्या करना चाहिए ?, जानिए तुला संक्रांति का अर्थ ज्योतिष में, राशिफल | Tula Sankranti ka Mahattw Hindi Jyotish Anusar वैदिक ज्योतिष अनुसार जब सूर्य बुध की राशी कन्या से शुक्र की राशि तुला में प्रवेश करता है तो इसको तुला संक्रांति कहा जाता है |  साल 2020 में तुला संक्रांति 17 अक्टूबर को आ रही है अर्थात सूर्य १७ को तुला राशी में प्रवेश करेगा और अगले १ महीने तक इसी राशी में रहेगा । पुरे साल में में १२ संक्रांति आती है अतः सूर्य १ महिना १२ राशियों में रहते हैं| हर संक्रांति का अलग अलग महत्त्व होता है और हर राशि में सूर्य का अलग अलग प्रभाव पड़ता है सभी के जीवन में| संक्रांति काल विशेष महत्त्व रखता है ज्योतिष अनुसार और इस काल में तीर्थ में स्नान, पूजन, दान का विशेष महत्त्व होता है | तुला संक्रांति और ज्योतिष : देखा जाए तो सूर्य तुला राशि में नीच का हो जाता है जिसके कारण बहुत से नकारात्मक प्रभाव देखने को मिलते हैं इसी कारण इस एक महीने में तीर्थो में स्नान करके पूजन दान आदि करने को कहा जाता है जिससे सभी के जीवन में से नकारात्मक प्रभाव कम ह

Surya Ka Makar Rashi Me Pravesh Ke Prabhav

Surya Ka Makar Rashi Me Pravesh Ke Prabhav, सूर्य के मकर राशी में प्रवेश के प्रभाव, क्या होगा बाजार पर असर सूर्य के मकर राशि में प्रवेश का. जनवरी १५ को सूर्य मकर राशी में प्रवेश करेगा और इसका असर देश, दुनिया में होगा, कुछ अच्छे और कुछ बुरे प्रभाव दिखने को मिलेंगे. ज्योतिष प्रेमी ये जरुर जानना चाहेंगे की सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने से जीवन में क्या बदलाव आ सकता है, देश पर क्या प्रभाव पड़ सकता है आदि. makar sankranti and jyotish वैदिक ज्योतिष के हिसाब से सूर्य मकर राशी में शत्रु का होता है अतः ऐसे में विद्वान् लोग सावधानी बरतते हैं जिससे ख़राब सूर्य का प्रभाव कम हो सके. इसी लिए मकर संक्रांति का बहुत महत्त्व है इस बारे में और अधिक जानने के लिए पढ़िए “क्या करे मकर संक्रांति में सफलता के लिए”. सूर्य प्रतिक है प्रशासन, प्रबंधन, ज्ञान, नाम, शोहरत, पिता आदि अतः इन सब पर प्रभाव पड़ेगा जिसका असर देश और दुनिया में दिखाई देगा.  निम्न बदलाव दिखलाई दे सकते हैं मकर राशि के सूर्य के कारण देश और दुनिया में : ये संभव है की लोग गलत निर्णय ले और इसके कारण लड़ाई झगड़े बढ़ जाएँ. जिन लोगो के

2020 Makar Sankranti is Baar 15 Ko Rahega

2020 मे कब रहेगी मकर संक्रांति, क्या करे सुख और सम्पन्नता के लिए, क्यों रहेगा मकर संक्रांति 15 जनवरी को?., क्या ख़ास होने वाला है इस दिन?. मकर संक्रांति की पूजा, दान पुण्य वैसे तो हर साल १४ तारीख को ही रहता है परन्तु इस बार 2020 में सूर्य धनु राशि से मकर राशि में शाम को प्रवेश करेगा जिसके कारण मकर संक्रांति का विशेष दान, पूजन आदि के लिए १५ तारीख मान्य होगा ज्योतिष के हिसाब से. 2020 Makar Sankranti kab rahegi हालांकि पतंग बाजो को के लिए तो १४ तारीख ही मन में बसा हुआ है अतः देखा जाए तो मकर संक्रांति उल्लास इस बार नए साल में दो दिन देखने को मिलेगा. पढ़िए मकर संक्रांति के लिए विशेष टोटके यहाँ क्लिक कर.......  क्या करते हैं लोग मकर संक्रांति को पुण्य लाभ के लिए: इस दिन प्रातः काल पवित्र नदी जैसे गंगा, यमुना, नर्मदा, क्षिप्रा आदि में स्नान किया जाता है और फिर विशेष पूजन और दान किया जाता है, कई लोग गुप्त दान भी करते हैं. मकर संक्रांति एक पुण्य काल है जिसमे दान, पूजन आदि का विशेष महत्त्व रहता है और इस दिन विशेषकर ताम्बा, तिल , गुड़, वस्त्र आदि का दान ब्राह्मण को दिया जाता है.

Surya Vrischik Rashi Me

सूर्य वृश्चिक राशी में, आइये जानते है वृश्चिक संक्रांति का महत्त्व, क्या करे सफलता के लिए.  जब सूर्य वृश्चिक राशि में प्रवेश करता है गोचर में तो उसे वृश्चिक संक्रांति कहते हैं. ये एक महत्त्वपूर्ण दिन होता है क्यूंकि इससे पहले सूर्य अपने नीच राशि तुला में होता है जिसके कारण बहुत परेशानिया आती है. वृश्चिक संक्रांति से लोगो को थोडा आराम मिलना शुरू होता है. Surya Vrischik Rashi Me हिन्दू धर्म में वृश्चिक संक्रांति का काफी महत्त्व है , ये एक पवित्र दिन है जब लोग सूर्य भगवान् की पूजा करते हैं जीवन को सफल बनाने के लिए. लोग जरुरतमंदों को दान भी देते हैं और आशीर्वाद प्राप्त करते हैं. पितरो को खुश करने के लिए भी इस दिन पूजाए की जाती है.  राशी चक्र में वृश्चिक का आठवां स्थान होता है और इसका स्वामी मंगल होता है. सूर्य वृश्चिक राशि में शुभ प्रभाव उत्पन्न करता है. इसके पहले सूर्य तुला राशि में होता है जिससे की सूर्य नीच का होता है और जीवन में कई नकारात्मक प्रभाव उत्पन्न करता है परन्तु वृश्चिक राशि में आने से लोगो को परेशानियों से राहत मिलना शुरू होता है. अतः ये संक्रांति ख़ुशी लाता है,

Patang Ke Totkay

पतंग के टोटके, कैसे दूर करे दुर्भाग्य को पतंग के द्वारा?, कैसे पतंग चमकाए किस्मत को, कैसे दूर करे नकारात्मक उर्जा को पतंग के द्वारा. पतंग उड़ाने में सभी को आनंद आता है और पतंग सिर्फ भारत में ही नहीं उड़ाया जाता है अपितु जापान, अमेरिका, आदि देशो में भी खूब उड़ाया जाता है. आपको ये जानकार आश्चर्य होगा की पतंग का स्तेमाल सिर्फ मनोरंजन के लिए ही नहीं होता है अपितु इससे जुड़े कई टोटके है जो की लोग उपयोग करते हैं और अपना दुर्भाग्य दूर करते हैं. Patang Ke Totkay ऐसा माना जाता है की पतंग बुरी शक्तियों को दूर करता है, पतंग दुर्भाग्य को दूर कर सकता है, पतंग उड़ाने से किस्मत भी चमक सकती है, पतंग द्वारा बीमारियों का इलाज भी संभव है, जीवन के कई परेशानियों का समाधान कर सकता है पतंग. सुनकर आश्चर्य होता है पर ये सत्य है, विश्व में कई प्रकार की मान्यताये हैं उनमे से पतंग को लेकर भी कुछ रोचक मान्यताये है जिन्हें जानकर लोग अपनाते हैं और लाभ उठाते हैं. ज्योतिश संसार के इस लेख में हम यही जानेंगे की पतंग के द्वारा हम कैसे प्रयोग कर सकते और दूर कर सकते हैं दुर्भाग्य. आइये जानते हैं पतंग के कुछ टोटके