Shani amavas kab hai 2025, कैसे छुटकारा पायें शनि के बुरे प्रभाव से, शनि अमवस्या को क्या करे सफलता के लिए?, शनि के टोटके, शनि पीड़ा से मुक्ति के उपाय, शनि अमावस्या अनुष्ठान| 2025 में 29 मार्च, शनिवार को रहेगा साल का पहला शनि अमावस्या | अमावस्या तिथि २८ तारीख को रात्री में लगभग 7:57 बजे शुरू होगी और 29 तारीख को शाम को लगभग 4:28 बजे तक रहेगी. एक और विशेष बात ये है की इसी दिन उत्तराभाद्रपद नक्षत्र रहेगा जिसके स्वामी शनि हैं और इसी दिन शनि का राशि परिवर्तन भी होगा . Shani amavas: हिन्दू धर्म में शनि अमावस्या का बहुत अधिक महत्तव है. इस दिन पवित्र नदियों के किनारे मैले जैसा वातावरण हो जाता है, लोग पवित्र नदियों में स्नान करते है और नदी तट पर ही पूजा पाठ आदि करते हैं कृपा प्राप्त करने के लिए. इस दिन पितृ शांति की पूजा होती है, काले जादू से मुक्ति हेतु भी ये दिन विशेष महत्तव रखता है, नजर दोष, उपरी हवा से बचाव के लिए भी इस दिन विशेष क्रियाये की जाती है. इस दिन शनि पूजा का भी बहुत लाभ मिलता है. इसी कारण शनिवार को पड़ने वाले अमावस्या का बहुत अधिक महत्तव होता है...
Vivah Bandhan Dosh ka Samadhan, विवाह बंधन दोष के उपाय , शादी में देरी के कारण और शीघ्र शादी के उपाय | कुछ लोग ऐसे है जिनके पास हर तरह की खूबियाँ हैं, लायक है, धन की कमी नहीं है, शरीर भी अच्छा है परन्तु एक अच्छा जीवन साथी नहीं मिल रहा है | ऐसे लोगो के माता पिता और रिश्तेदार भी योग्य जीवन साथी की तलाश में घूमते रहते हैं परन्तु सफलता नहीं मिल पाती है | इसके कारण चिंता बनी रहती है | कभी कुंडली मिलान नहीं होता है तो कभी परिवार नहीं जमता है तो कहीं वैचारिक मतभेद के कारण रिश्ते नहीं हो पाते हैं | Vivah Bandhan Dosh ka Samadhan सबकुछ होते हुए भी सही जीवन साथी नहीं मिलने के बहुत से कारण हो सकते हैं जैसे : जन्म कुंडली में विवाह स्थान का दूषित होना | सप्तम भाव पर किसी अशुभ ग्रह की दृष्टि होना | कुंडली के सुख स्थान में अशुभ ग्रहों का बैठना | विवाह स्थान के स्वामी का अत्यंत कमजोर होना | किसी का श्राप होना | विवाह स्थान पर पितृ दोष बनना | विवाह स्थान में ग्रहण दोष बनना | इसके अलावा नवमांश कुंडली में सुख भाव और विवाह भाव का दूषित होना भी शादी में अड़चने पैदा करता है |...