Mahashivratri kab hai 2025 mai, क्या करे शिवरात्रि को, कैसे कर सकते है शिव पूजा, किस प्रकार की पूजाए संभव है शिवरात्रि मे, समस्याओं का समाधान महाशिवरात्रि मे. Mahashivratri 2025: हिन्दू धर्म ग्रंथो के अनुसार शिवरात्रि एक बहुत ही महत्त्वपूर्ण रात्रि होती है, साधनाओ को करने हेतु महाशिवरात्रि एक शक्तिशाली रात्रि मानी गई है. भौतिक इच्छाओं को पूरी करना हो या फिर अध्यात्मिक, शिवरात्रि बहुत महत्तवपूर्ण समय होता है अनुष्ठानो को करने के लिए | ऐसा माना जाता है कि महाशिवरात्रि की दिव्य रात्रि में की गई पूजा से हजारो वर्षों की पूजा का फल मिलता है | इस साल २०२५ में शिवरात्रि को महाकुम्भ का स्नान भी होगा | सन 2025 में महाशिवरात्रि 26 फ़रवरी बुधवार को है, चतुर्दशी तिथि 26 तारीख को दिन में लगभग 11:10 बजे से शुरू हो जायेगी और 27 तारीख को सुबह लगभग 8:56 बजे तक रहेगी | Shivratri Ko Kya Kare Jyotish Ke Hisab Se यह दिव्य रात्रि पुरुष, स्त्री, प्रेमी, रोगी सभी के लिए उपयोगी है क्योंकि शिवरात्रि को हम अपनी किसी भी मनोकामना के लिए अनुष्ठान कर सकते हैं। शिवरात्रि की रात पूजा और ध्यान करने से पाप...
Vivah Bandhan Dosh ka Samadhan, विवाह बंधन दोष के उपाय , शादी में देरी के कारण और शीघ्र शादी के उपाय | कुछ लोग ऐसे है जिनके पास हर तरह की खूबियाँ हैं, लायक है, धन की कमी नहीं है, शरीर भी अच्छा है परन्तु एक अच्छा जीवन साथी नहीं मिल रहा है | ऐसे लोगो के माता पिता और रिश्तेदार भी योग्य जीवन साथी की तलाश में घूमते रहते हैं परन्तु सफलता नहीं मिल पाती है | इसके कारण चिंता बनी रहती है | कभी कुंडली मिलान नहीं होता है तो कभी परिवार नहीं जमता है तो कहीं वैचारिक मतभेद के कारण रिश्ते नहीं हो पाते हैं | Vivah Bandhan Dosh ka Samadhan सबकुछ होते हुए भी सही जीवन साथी नहीं मिलने के बहुत से कारण हो सकते हैं जैसे : जन्म कुंडली में विवाह स्थान का दूषित होना | सप्तम भाव पर किसी अशुभ ग्रह की दृष्टि होना | कुंडली के सुख स्थान में अशुभ ग्रहों का बैठना | विवाह स्थान के स्वामी का अत्यंत कमजोर होना | किसी का श्राप होना | विवाह स्थान पर पितृ दोष बनना | विवाह स्थान में ग्रहण दोष बनना | इसके अलावा नवमांश कुंडली में सुख भाव और विवाह भाव का दूषित होना भी शादी में अड़चने पैदा करता है |...