Shani amavas kab hai 2025, कैसे छुटकारा पायें शनि के बुरे प्रभाव से, शनि अमवस्या को क्या करे सफलता के लिए?, शनि के टोटके, शनि पीड़ा से मुक्ति के उपाय, शनि अमावस्या अनुष्ठान| 2025 में 29 मार्च, शनिवार को रहेगा साल का पहला शनि अमावस्या | अमावस्या तिथि २८ तारीख को रात्री में लगभग 7:57 बजे शुरू होगी और 29 तारीख को शाम को लगभग 4:28 बजे तक रहेगी. एक और विशेष बात ये है की इसी दिन उत्तराभाद्रपद नक्षत्र रहेगा जिसके स्वामी शनि हैं और इसी दिन शनि का राशि परिवर्तन भी होगा . Shani amavas: हिन्दू धर्म में शनि अमावस्या का बहुत अधिक महत्तव है. इस दिन पवित्र नदियों के किनारे मैले जैसा वातावरण हो जाता है, लोग पवित्र नदियों में स्नान करते है और नदी तट पर ही पूजा पाठ आदि करते हैं कृपा प्राप्त करने के लिए. इस दिन पितृ शांति की पूजा होती है, काले जादू से मुक्ति हेतु भी ये दिन विशेष महत्तव रखता है, नजर दोष, उपरी हवा से बचाव के लिए भी इस दिन विशेष क्रियाये की जाती है. इस दिन शनि पूजा का भी बहुत लाभ मिलता है. इसी कारण शनिवार को पड़ने वाले अमावस्या का बहुत अधिक महत्तव होता है...
surya aur mangal me bana hua hai shadashtak yog, kya hota hai shadashtak yog, षडाष्टक योग से किन राशियों को विशेष सावधान रहने की जरुरत है ?. Surya Aur Mangal Ka Shadashtak Yoga Ka Prabhav: २१ जनवरी को मंगल अपना राशि परिवर्तन कर चुके हैं जिससे गोचर कुंडली में इस समय 1 खतरनाक योग बना हुआ है जिसे "षडाष्टक योग" के नाम से जानते हैं | ये योग काफी खतरनाक होता है और लोगो के जीवन में, वातावरण में बहुत से हानिकारिक परिवर्तन के लिए जिम्मेदार होता है | Surya Aur Mangal Ka Shadashtak Yoga Ka Prabhav क्या होता है षडाष्टक योग? जब भी कुंडली में 2 ग्रह एक दूसरे से छठे और आठवें भाव में बैठ जाते हैं तो षडाष्टक योग का निर्माण होता है | वैदिक ज्योतिष के अनुसार कुंडली का छठा भाव रोग, शत्रु, दुःख, ऋण, चिंता आदि से जुड़ा है और कुंडली का आठवां भाव स्वास्थ्य, आयु, दुर्भाग्य, कष्ट, संकट, आकस्मिक घटना आदि से जुड़ा है अतः जब 2 ग्रह षडाष्टक योग बनाते हैं तो अजीबोगरीब घटनाएं होने लगती है | Surya Aur Mangal Ka Shadashtak Yoga Ka Prabhav Listen On YouTube आइये अब जानते हैं की किन लोगो ...