Skip to main content

Posts

Latest Astrology Updates in Hindi

Kab Kare Ganesh Sthapna

कब करे गणेश स्थापना?, जानिए महूरत बाप्पा को स्थापित करने का, कैसे लाभ ले अच्छे महूरत का, 2024 गणेश स्थापना महुरत. Ganesh Sthapna Mahurat 2024: गणेश उत्सव शुरू हो रहा है और ऐसे में सभी लोग विघ्नहर्ता को मनाने में लगे रहेंगे क्यूंकि वो दुर्भाग्य नाशक है, परेशानियों को दूर करने वाले हैं. इन्हें प्रथम पूज्य कहा गया है देवताओं में इसीलिए गणेशजी का विशेष स्थान है सभी के ह्रदय में. हर साल भाद्रपद के महीने में चतुर्थी को एक विशेष दिन होता है जब से गणेश उत्सव प्रारम्भ होता है, पूरे भारत में लोग बड़े हर्ष और उल्लास के साथ इस उत्सव को मनाते हैं. करीब १० दिन ये उत्सव चलता है. Kab Kare Ganesh Sthapna अगर गणेश पूजन शिव और पार्वती जी के साथ की जाए तो और भी अच्छा होता है. ऐसी मान्यता है की चतुर्थी को बाप्पा का जन्म होता था इसीलिए उनके जन्म के उपलक्ष में गणेश उत्सव मनाया जाता है. आइये अब जानते हैं गणेश स्थापना के महुरत 2024: चतुर्थी तिथि 6 सितम्बर को दिन में लगभग 3:02 पे शुरू होगी और 7 सितम्बर को शाम में लगभग 5:38 तक रहेगी रहेगी तो इस वर्ष का सबसे अच्छा महुरत की बात करें तो दिन म

Kharab Shukra Ke Lakshan

kharab shukra ke lakshan, शुक्र खराब होने से क्या होता है?, शुक्र पीड़ित कब होता है?, शुक्र पीड़ित है तो कैसे पता चलेगा?, शुक्र को खुश कैसे करें?, शुक्र ग्रह से कौन सा रोग होता है?, शुक्र ग्रह का दुश्मन कौन है?, शुक्र दोष कैसे दूर करें? | शुक्र ग्रह का तेज किसी को भी अपनी और आसानी से अकर्षित कर लेता है और इसका प्रभाव जातको पर दिखाई देता है | जिस प्रकार सौर मंडल में शुक्र अपनी अलग ही आभा रखता है उसी प्रकार इस पृथ्वी में शुक्र का बल जिनको मिलता है वे लोग अलग ही पहचान रखते हैं |  दूसरी तरफ ये भी सच्चाई है की जिनके कुंडली में शुक्र अशुभ हो या कमजोर हो उन लोगो के जीवन में संघर्ष भी बहुत देखने को मिलता है | तो इस ज्योतिष लेख में हम जानेंगे की kharab shukra ke lakshan क्या होते हैं, शुक्र खराब होने से क्या होता है?, शुक्र पीड़ित कब होता है?, शुक्र पीड़ित है तो कैसे पता चलेगा?, शुक्र को खुश कैसे करें?, शुक्र ग्रह से कौन सा रोग होता है?, शुक्र ग्रह का दुश्मन कौन है?, शुक्र दोष कैसे दूर करें?, शुक्र ग्रह के देवता कौन हैं? | Kharab Shukra Ke Lakshan Read In English about Bad Venus Signs  वै

Janardan Mantra Ke Fayde

Janardan Mantra Ke Fayde, ॐ जनार्दनाय नमः मंत्र कैसे जपें, महातारक मंत्र | हिंदू धर्म में "ॐ जनार्दनय नमः" मंत्र का गहरा अर्थ है। आइए इसके महत्व को समझने के लिए मंत्र का विश्लेषण करें: " ॐ": यह पवित्र शब्दांश परम वास्तविकता, ब्रह्म का प्रतिनिधित्व करता है। इसकी शक्ति का आह्वान करने और मन को एकाग्र करने के लिए अक्सर मंत्रों की शुरुआत में इसका जाप किया जाता है। "जनार्दन": यह नाम भगवान विष्णु को संदर्भित करता है, जो हिंदू धर्म के प्रमुख देवताओं में से एक हैं। "जनार्दन" का शाब्दिक अर्थ है "वह जो सभी प्राणियों का पालन करता है" या "वह जो सभी लोगों का कारण है।" विष्णु को ब्रह्मांड के संरक्षक और रक्षक के रूप में देखा जाता है, जो ब्रह्मांडीय व्यवस्था को बनाए रखते हैं। "नमः": इसका अनुवाद "झुकना" या "मैं आत्मसमर्पण करता हूँ" है। यह ईश्वर के प्रति भक्ति और सम्मान अर्पित करने का प्रतीक है। पूरा मंत्र, "ॐ जनार्दनाय नमः" का अनुवाद "ॐ, मैं उन सभी को नमन करता हूँ जो सभी प्राणियों का पालन करत

Surya Ka kark Rashi Mai Gochar Ka Fal

Surya ka kark rashi mai gochar kab hoga 2024, सूर्य का गोचर कर्क राशि में, क्या असर होगा 12 राशियों पर, Rashifal in Hindi Jyotish. Surya Ka kark Rashi Mai Gochar:  वैदिक ज्योतिष में सूर्य ग्रह एक बहुत ही महत्वपूर्ण ग्रह है क्योंकि इसके राशि परिवर्तन से मौसम में, लोगों के जीवन में, राजनीति में बड़े बदलाव होने लगते हैं। सूर्य हर महीने राशि बदलता है और उसके अनुसार हमारे जीवन में भी बदलाव होते रहते हैं। सूर्य 16 जुलाई, 2024 को भारतीय समय के अनुसार  सुबह लगभग  11:07 बजे कर्क राशि में गोचर करेंगे । यहाँ ये  17 अगस्त 2024 तक रहेंगे | कर्क राशी में सूर्य सम के हो जाते हैं | कर्क राशि वालों के लिए यह गोचर महत्वपूर्ण है। इस समय के दौरान, कर्क राशि के लोग अधिक भावुक और सहज महसूस कर सकते हैं, और वे अपने  आप के साथ अधिक संपर्क में रह सकते हैं। वे दूसरों का अधिक पोषण करने वाले और देखभाल करने वाले भी हो सकते हैं। यह गोचर अन्य राशियों के लिए भी फायदेमंद हो सकता है, क्योंकि सूर्य एक शक्तिशाली ग्रह है जो सकारात्मक ऊर्जा और अवसर लाने में मदद करता है।  Surya Ka kark Rashi Mai Gochar Watch Video here

Guru Poornima Importance In Hindi

Guru purnima kab hai 2024,  Guru Poornima Importance In Hindi, गुरु पूर्णिमा का महत्तव हिन्दी में, क्या करे गुरु पूर्णिमा को. Guru Purnima 2024:  गुरु पूर्णिमा एक हिंदू त्योहार है  और इस दिन हम शिक्षक और आध्यात्मिक गुरुओं का सम्मान करते हैं |  यह हिंदू कैलेंडर के अनुसार आषाढ़  महीने की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। "गुरु" शब्द संस्कृत के शब्द "गु" से आया है जिसका अर्थ है "अंधकार" और "रु" का अर्थ है "दूर करना।" इसलिए गुरु वह होता है जो अज्ञानता के अंधकार को दूर करते है और हमें सत्य का प्रकाश देखने में मदद करते है। हिंदू धर्म में, गुरु पूर्णिमा हमारे सभी जीवित और ब्र्हम्लीन गुरुओं का सम्मान करने का समय है। हम उनके मार्गदर्शन और शिक्षाओं के लिए अपना आभार व्यक्त करते हैं, और उनके निरंतर आशीर्वाद के लिए प्रार्थना करते हैं। गुरु पूर्णिमा पर, लोग आमतौर पर अपने गुरुओं से मिलते हैं, उनका पूजन करते हैं, उन्हें उपहार देते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं |  यह उन लोगों को याद करने का दिन है जिन्होंने हमें बढ़ने और सीखने में मदद की है,

Rashiyo Ki Bhagyashaali Disha kaun Si Hoti Hai

किस राशि के लिए कौन सी दिशा अच्छी है?, Rashiyo ki disha kaun si hai, कैसे प्रयोग करें दिशा का ?, कौन सी दिशा दिलाएगा सफलता | वास्तु और ज्योतिष के हिसाब से हर ग्रह और राशि का सम्बन्ध किसी विशेष दिशा से होता है और अगर कोई अपने भाग्यशाली दिशा का प्रयोग करें, पूजन  करने में, काम करने में, घर ख़रीदने में तो इसका बहुत बड़ा फायदा जीवन में हमे देखने को मिलता है |  इस लेख में हम 12 रशियियो से सम्बंधित भाग्यशाली दिशा के बारे में जानेंगे और ये भी जानेंगे की कैसे उपयोग करें दिशाओं का सफलता की गती को बढाने के लिए | Rashiyo Ki Bhagyashaali Disha kaun Si Hoti Hai सही दिशा का प्रयोग करने से हमारे अन्दर ईच्छा शक्ति का विकास होगा, हमारी दक्षता बढ़ेगी, हमारा प्रभाव क्षेत्र बढेगा, धनागमन के रास्ते खुलेंगे | Watch Video Here आप अपना कमरा भी सम्बंधित दिशा में बनवा सकते हैं, अपना ऑफिस भी भाग्यशाली दिशा में बनवा सकते हैं | जब भी महत्त्वपूर्ण निर्णय लेना हो तो सम्बंधित दिशा की और मुंह करके लीजिये, इससे कामयाबी की गती बढ़ जाएगी | Read In English About Lucky Direction For 12 Zodiacs आइये जानते हैं 12 राशियों क

Mangal ka Vrishabh Rashi mai Gochar Ka Fal

Mangal ka Vrishabh Rashi mai Gochar Ka Fal, मंगल वृषभ राशी में  कब जायेंगे, मंगल के गोचर का फल | Mangal ka Vrishabh Rashi mai Gochar July 2024: ज्योतिष के अनुसार मंगल ग्रह का सम्बन्ध साहस, शक्ति, कुछ कर गुजरने का जज्बा, भूमि, उर्जा आदि से होता है इसीलिए अगर कुंडली में मंगल शुभ और शक्तिशाली हो जाए तो जातक बहुत सफल दिखाई देता है, उसे मान, प्रतिष्ठा की प्राप्ति होती है |  मेष और वृश्चिक राशि के स्वामी हैं मंगल | मकर राशि में ये उच्च के होते हैं और कर्क राशि में नीच के होते हैं |  मंगल ग्रह के गुणों को देखते हुए उन्हें सेनापति का दर्जा मिला हुआ है |  मंगल ग्रह 12 जुलाई 2024 को शाम को लगभग 7:02 बजे वृषभ राशि में प्रवेश करेंगे और 26 august तक इसी राशी में रहेंगे | मंगल के राशि परिवर्तन का 12 राशियों पर काफी ज्यादा प्रभाव पड़ता है | Mangal ka Vrishabh Rashi mai Gochar Ka Fal Read in English about Mars Transit In Taurus Impacts on 12 zodiacs आइये जानते हैं राशिफल : Mesh Rashifal (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ): 12 जुलाई 2024 को मंगल के वृषभ राशि में गोचर से मेष राशि के लोगो को काफी ला

Dev Shayani Ekadashi Ki Mahima in Hindi

देव शयनी एकादशी कब है 2024 में , पद्मा एकादशी , हरी शयनी एकादशी किसको कहते है, क्या करे देव शयनी एकादशी को सफलता के लिए, जानिए ग्रहों की स्थिति . Devshayani Ekadashi 2024: अषाढ़ शुक्ल पक्ष का ग्यारहवां दिन बहुत ख़ास होता है भारत मे विशेषतः क्यूंकि मान्यता के अनुसार इस दिन भगवान् विष्णु क्षीर सागर मे सोने के लिए चले जाते हैं. अलग अलग प्रान्तों मे अषाढ़ मास के ग्यारस को अलग लग नामो से जाना जाता है जैसे पद्मा एकादशी, प्रथमा एकादशी, हरी शयनी एकादशी आदि. Watch Video   इस पुरे दिन और रात भक्त गण भगवान् विष्णु की पूजा और आराधना मे लगे रहते हैं. इसी दिन चातुर्मास की शुरुआत भी होती है अर्थात इस दिन से ४ महीने तक साधू संत विशेष पूजा आराधना करते हैं और कहीं जाते आते भी नहीं है. Read in english about  Devshayani ekadashi importance वर्ष  2024  मे हरी शयनी एकादशी 17 जुलाई को है| एकादशी तिथि १६ तारीख मंगलवार को लगभग रात में 8:35  पे शुरू होगी और 17 तारीख को रात्री में लगभग 9:03 बजे समाप्त होगी |  मान्यता के अनुसार पद्मा एकादशी की शुरुआत राजा मानदाता से जुडी है. इन्होने अंगीरा ऋषि के कह