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Latest Astrology Updates in Hindi

Surya Ka Makar Rashi Me Pravesh Ke Prabhav

Surya Ka Makar Rashi Me Pravesh Ke Prabhav, सूर्य के मकर राशी में प्रवेश के प्रभाव, क्या होगा बाजार पर असर सूर्य के मकर राशि में प्रवेश का. सूर्य 14 जनवरी 2025 को सुबह लगभग 8:40 बजे मकर राशि में प्रवेश करेंगे और अगले 1 महीने तक रहेगा। मकर राशि में सूर्य अशुभ होते है इसलिए 12 राशियों के जीवन में और मौसम और वातावरण में भी बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे | ज्योतिष प्रेमी ये जरुर जानना चाहेंगे की सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने से जीवन में क्या बदलाव आ सकता है, देश पर क्या प्रभाव पड़ सकता है आदि.   makar sankranti and jyotish वैदिक ज्योतिष के हिसाब से सूर्य मकर राशी में शत्रु का होता है अतः ऐसे में विद्वान् लोग सावधानी बरतते हैं जिससे ख़राब सूर्य का प्रभाव कम हो सके. इसी लिए मकर संक्रांति का बहुत महत्त्व है इस बारे में और अधिक जानने के लिए पढ़िए “क्या करे मकर संक्रांति में सफलता के लिए”. सूर्य प्रतिक है प्रशासन, प्रबंधन, ज्ञान, नाम, शोहरत, पिता आदि अतः इन सब पर प्रभाव पड़ेगा जिसका असर देश और दुनिया में दिखाई देगा.  Watch Video Here निम्न बदलाव दिखलाई दे सकते हैं मकर रा...

Surya Kanya Rashi me kab pravesh karenge

Surya Kanya Rashi me kab pravesh karenge 2024,  Kanya sanktranti kab hai, सूर्य का गोचर कन्या राशि में, क्या असर होगा 12 राशियों पर, जानिए राशिफल हिंदी ज्योतिष में, Surya gochar. खगोलीय पिंडों की गतिविधियों ने सदियों से मानवता को आकर्षित किया है, और ज्योतिष में सबसे महत्वपूर्ण घटनाओं में से एक सूर्य का विभिन्न राशियों में प्रवेश है। सूर्य के गोचर का जीवन पर बहुत अधिक प्रभाव पड़ता है |  सूर्य हर महीने राशि परिवर्तन करते हैं जिसका असर देश और दुनिया पर दिखाई देता है साथ ही 12 राशि वालो के जीवन में भी बड़े बदलाव होते हैं | सूर्य ग्रह नेतृत्त्व क्षमता, पिता, अधिकारी वर्ग, यात्रा, नाम, यश आदि का प्रतिनिधित्त्व करता है| 2024 में 16 सितम्बर को रात्री में लगभग 7:28 पे सूर्य कन्या राशि में प्रवेश करेंगे और अगले एक महीने इसी राशी में रहेंगे |  सूर्य के कन्या राशि में प्रवेश को कन्या संक्रांति/kanya sankranti कहते हैं |  राशि चक्र में कन्या राशि की स्थिति छठी है |  कन्या राशि पर बुध का शासन है और यह एक द्विस्वभाव राशि है | Watch  in YouTube Video Surya Kanya Rash...

Ganesh gayatri mantra ke fayde in hindi jyotish

गणेश गायत्री मंत्र क्या है, गणेश गायत्री मंत्र का जाप करने के लाभ, भगवान गणपति की पूजा करने का आसान तरीका, Ganesh gayatri mantra ke fayde in hindi. गायत्री मंत्र के साथ श्री गणेश की पूजा सबसे अच्छे और शक्तिशाली उपायों में से एक है जो ज्योतिषियों द्वारा जीवन की बाधाओं को दूर करने के लिए बताया जाता है। तो इस लेख में हम गणेश गायत्री मंत्र जप के लाभ देखेंगे। बुधवार के दिन विशेष मंत्रों से श्री गणेश जी की पूजा बहुत ही फलदायी मानी जाती है। यह हमें बाधाओं और संकटों से बचाकर जीवन के हर सपने और इच्छा को पूरा करने में मदद करती है | भगवान श्री गणेश जी को हिंदू संस्कृति और पूजा में प्रथम स्थान दिया गया है। भगवान गणेश की पूजा हर शुभ कार्य में सबसे पहले अनिवार्य बताया गया है। देवता भी श्री गणेश की पूजा करते अपने कार्यो को संपन्न करने के लिए | || ॐ एकदन्ताय विद्महे वक्रतुंडाय धीमहि तन्नो दंती प्रचोदयात्।। यह भगवान गणेश के शक्तिशाली मंत्रों में से एक है जिसका जप भक्तों द्वारा गणपति के आशीर्वाद को आकर्षित करने के लिए किया जाता है। इस मंत्र  में हम प्रार्थना करते हैं  - हम ध्यान करते हैं और...

Ganesh Karya Siddhi Mantra Ke Fayde

सर्व कार्य सिद्धि गणेश मंत्र, Sarwkaryasiddhi ganesh mantra , कब करें इस मंत्र का जप, क्या फायदे हैं गणपति मंत्र जप के | श्री गणेश हिन्दुओं में प्रथम पूज्य देवता है, इनके अनेक नाम है जैसे विघ्नहर्ता, मंगल दाता, लम्बोदर आदि | हिन्दू शाश्त्रो के अनुसार किसी भी पूजन, शुभ कार्य से पहले गणेश जी का पूजन करना चाहिए, इससे कार्यो में बाधा नहीं आती है | हर महीने की गणेश चतुर्थी को इनका विशेष पूजन किया जाता है | ये रिद्धि-सिद्धि के दाता भी कहे जाते हैं | गणेश चतुर्थी के दिन पूजा-पाठ, व्रत और मंत्रों के जाप से श्रीगणेश शीघ्र ही प्रसन्न होते और भक्तों के संकट को हर लेते हैं, ग्रह दोष ख़त्म होते हैं, बिगड़े काम बनने लगते हैं,रोग से मुक्ति मिलती है, आय के स्त्रोत खुलते हैं | Ganesh Karya Siddhi Mantra Ke Fayde भगवान गणेश की कृपा प्राप्त करने के लिए अनेक मंत्रो का उल्लेख मिलता है पर यहाँ पर आज हम एक अत्यंत ही सरल और शक्तिशाली मंत्र के बारे में जानेंगे जिसके जप से हर कार्य सिद्ध होता है |  श्री गणेश जी की कृपा को बनाए रखने के लिए, जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए हम उनके कार्य सिद्धि मंत्र का ज...

Parivartini Ekadashi Kab Hai Dol gyaras ki tarikh

Parivartini Ekadashi 2024 Date, परिवर्तिनी एकादशी कब है, जलझुलनी ग्यारस कब है, डोळ ग्यारस को क्या करें, एकादशी कथा, क्या करें, क्या न करें | Parivartini Ekadashi 2024: हिन्दू पंचांग के अनुसार भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी बहुत महत्त्वपूर्ण होती है क्यूंकि इस दिन भगवान विष्णु अपने शैया पर करवट बदलते हैं इसी कारण परिवर्तिनी एकादशी कहते हैं | इस एकादशी के अन्य नाम भी है जैसे डोळ ग्यारास, जलझुलनी एकादशी| इस दिन भगवान विष्णु के वामन अवतार की पूजा का विधान है। इस साल 2024 में उदय तिथि के अनुसार परिवर्तनी एकादशी का व्रत 14 सितम्बर शनिवार को रखा जाएगा और इस व्रत का परायण 15 तारीख को सुबह किया जाएगा | ग्यारास तिथि 13 तारीख को रात्री में लगभग 10:31 बजे शुरू होगा और 14 को रात्री में लगभग 8:42 बजे तक रहेगा | Parivartini Ekadashi Kab Hai Dol gyaras ki tarikh आइये जानते हैं की परिवर्तनी एकादशी व्रत के क्या फायदे हैं ? इस विशेष दिन विष्णु पूजा से अनेक लाभ है जैसे - समस्त पापो का नाश होता है | देह छोड़ने के पश्चात मुक्ति की प्राप्ति होती है | इस व्रत के प्रभाव से जातक को अक्षय पुण्य की प्...

Radha Ashtmi Ka Mahattw In Hindi

2024 Radha Ashtmi Date, राधा अष्टमी का महत्त्व, राधा अष्टमी की कथा, किस मंत्र का जप करें, गोचर कुंडली में ग्रहों की स्थिति | 2024 Radha Ashtmi:  राधा और कृष्णा जी की प्रेम कहानियां विश्वभर में प्रसिद्ध हैं, आज के इस आधुनिक युग में भी लोग राधा और कृष्णजी की कथाओं का श्रवण करते हैं और अपने आपको धन्य समझते हैं. इनकी कथाये शांति देती हैं, प्रेम की भावनाओं को बल देती है, वास्तविक प्रेम का अर्थ समझाती हैं. radha ashtmi कब है 2024 में राधा अष्टमी ? हिन्दू पंचाग के अनुसार राधा अष्टमी का उत्सव हर वर्ष भाद्रपद शुक्ल पक्ष के आठवे दिन बड़े हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है. इस साल ये पवित्र दिन 11 सितम्बर, बुधवार को आ रहा है. अष्टमी तिथि 10 सितम्बर को रात्री में 11:13 बजे से शुरू होगी और 11 सितम्बर को रात्री में 11:47  तक रहेगी | Watch  2024 Radha Ashtmi Video   आइये जानते हैं कौन है राधाजी? राधाजी वृषभानु और किर्तिकुमारी जी की पुत्री के रूप में जानी जाती हैं , इन्हें लोग प्रेम से राधा रानी भी बुलाते हैं. कृष्ण के प्रति अपने अतुल्य प्रेम के कारण राधाजी ने पुरे...

Rishi Panchmi Ka Mahattwa In Hindi

ऋषि पंचमी कब है जानिए महत्त्व हिंदी में , क्या करे ऋषि पंचमी को, ऋषि पंचमी की कहानी, कर्मकांड ऋषि पंचमी से जुड़े, सप्त ऋषियों के नाम. Rishi panchmi 2024: भाद्रपद के महीने में गणेश चतुर्थी के दुसरे दिन ऋषि पंचमी का त्यौहार मनाया जाता है भारत में. ये दिन भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष के पांचवे दिन मनाया जाता है. ये दिन बहुत महत्त्वा रखता है क्यूंकि इस दिन सप्त ऋषयो की पूजा होती है जिनके नाम है – कश्यप, अत्री, भारद्वाज, विश्वामित्र, गौतम , जमदग्नि और वशिष्ठ. ऐसी मान्यता है की इनकी पूजा से रजस्वला दोष से मुक्ति मिल सकती है. सन २०२४ में 8 सितम्बर रविवार को है ऋषि पंचमी | Rishi Panchmi Ka Mahattwa In Hindi ऋषि पंचमी का दिन महिलाओं के लिए ख़ास महत्त्व रखता है , इस दिन महिलायें व्रत रखती है , पूजाएँ करती है ताकि रजस्वला दोष से मुक्ति मिले. रजस्वला होने पर जाने अनजाने बहुत सी भूल हो जाती है और हिन्दू संस्कृति में इससे मुक्ति का मार्ग भी है और वो है ऋषि पंचमी के दिन सही तरीके से पूजा पाठ करना जिससे पापो से मुक्ति मिलती है. क्या आप जानते हैं की ऋषि पंचमी से २ दिन पहले हरतालिका तीज म...

Shri Ganesh Bhujangam Lyrics Hindi Meaning

Ganesha Bhujanga Stotram lyrics with meaning in hindi, sacred chants of shree ganpati, गणेश भुजंगम गणेश जी की कृपा के लिए | श्री गणेश भुजंगम में श्री आदि शंकराचार्य द्वारा लिखित है और श्री गणेश भुजंग का जाप करने से दुःख, दरिद्रता,ऋण को जीवन से हमेशा के लिए दूर किया जा सकता है।  गणेश भुजंगम गीत गणेश को उनके नृत्य रूप में समझाते हुए एक अनोखे तरीके से रचा गया है । नृत्य गणपति की पूजा करना बहुत शुभ माना जाता है और इसे भगवान का ध्यान करने का एक शानदार तरीका माना जाता है। गणेश भुजंग स्तोत्रम के अर्थ की बात करें तो, अधिकांश छंद नृत्य करते समय भगवान की उपस्थिति और भगवान गणेश की दिव्य प्रकृति की व्याख्या करते हैं। Shri Ganesh Bhujangam Lyrics Hindi Meaning Ganesh Bhujangam Sanksrit lyrics: || श्रीगणेशभुजङगम् || रणत्क्षुद्रघंटानिनादाभिरामं चलत्ताण्डवोद्दण्डवत्पद्मतालम् | लसत्तुन्दिलाङगोपरिव्यालहारं गणाधीशमीशानसूनुं तमीडे ||१|| ध्वनिध्वंसवीणालयोल्लासिवक्त्रं स्फुरच्छुण्डदण्डोल्लसद्वीजपूरम | गलद्दर्पसौगन्ध्यलोलालिमालम् गणाधीशमीशानसूनुं तमीडे ||२|| प्रकाशज्जपारक्तरत्नप्रसून- प्रवालप्रभातार...